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पेंडिंग डिविडेंड के बदले वेनेजुएला भारत को तेल देने के लिए हुआ सहमत

Venezuela agrees to supply oil to India- वेनेजुएला भारत की ओएनजीसी विदेश को दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में एक परियोजना में हिस्सेदारी के लिए कंपनी के पेंडिंग डिविडेंड के बदले में कुछ तेल देने पर सहमत हो गया है. सैन क्रिस्टोबल परियोजना पर ओवीएल को लगभग 600 मिलियन डॉलर का लाभांश बकाया है. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 1:34 PM IST

नई दिल्ली:वेनेजुएला भारत की ओएनजीसी विदेश को दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में एक परियोजना में हिस्सेदारी के लिए कंपनी के पेंडिंग डिविडेंड के बदले में कुछ तेल देने पर सहमत हो गया है. इस बात की जानकारी इंडियन ऑयल सेक्रेटरी ने बुधवार को दी है. भारत के टॉप खोजकर्ता ऑयल और नेचुरल गैस कॉर्प की विदेशी निवेश शाखा ओएनजीसी विदेश के पास पूर्वी वेनेजुएला के ओरिनोको हेवी ऑयल बेल्ट में सैन क्रिस्टोबल क्षेत्र में अपनी 40 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 600 मिलियन डॉलर का डिविडेंड लंबित है, जबकि पीडीवीएसए के पास शेष हिस्सेदारी है.

कंपनी ने बुधवार को रॉयटर्स को एक ईमेल में कहा, सैन क्रिस्टोबल परियोजना पर ओवीएल को लगभग 600 मिलियन डॉलर का लाभांश बकाया है. पिछले साल दक्षिण अमेरिकी देश पर अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील के बाद भारतीय रिफाइनरों ने वेनेजुएला से तेल की खरीद फिर से शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने दिसंबर और जनवरी 2024 में लैटिन अमेरिकी देश से तेल लोड करने के लिए तीन टैंकरों की बुकिंग की है.

2019 में कराकस पर अमेरिकी बैन लगाने से पहले निजी क्षेत्र की रिफाइनर आरआईएल और नायरा एनर्जी (एनईएल) वेनेजुएला के कच्चे तेल के नियमित खरीदार थे. प्रतिबंधों के बाद, वेनेजुएला से तेल आयात बंद हो गया था.

आखिरी बार 2019 में आयात हुआ था तेल
कमोडिटी मार्केट के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने आखिरी बार नवंबर 2020 में वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात किया था. भारत के आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के मुताबिक वेनेजुएला 2019 में नई दिल्ली का 5वां सबसे बड़ा तेल सप्लायर था. इसने भारतीय रिफाइनरों को करीब 16 मिलियन टन कच्चा तेल उपलब्ध कराया था.

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