न्यूयॉर्क: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने बेतहाशा महंगाई पर नियंत्रण के लिए ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है. लगातार तीसरी बार वृद्धि के बाद बैंक का बेंचमार्क फंड दर बढ़कर 3% से 3.25% तक हो गया है. 2023 तक ब्याज दरों के 4.6 फीसदी तक जाने का अनुमान है. इसका असर भारत सहित पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका है. इस फैसले से अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस में 220 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई, यह 30,500 अंक के नीचे आ गया.
यूएस फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि आज की बैठक में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने अपनी नीतिगत ब्याज दर में 3/4 प्रतिशत अंक की वृद्धि की है, जिससे लक्ष्य सीमा 3-3.25 प्रतिशत हो गई. उन्होंने कहा कि हम अपने नीतिगत रुख को आगे बढ़ा रहे हैं, जो मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत पर वापस लाने के लिए पर्याप्त प्रतिबंधात्मक होगा. न्यूज एजेंसी सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार यह नई बढ़ोतरी लाखों अमेरिकी व्यवसायों और मकान मालिकों के लिए घरों, कारों और क्रेडिट कार्ड जैसी चीजों के लिए उधार लेने की लागत को बढ़ाकर आर्थिक पीड़ा का कारण बन सकती है.
अमेरिका में उपभोक्ता मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली रूप से घटकर 8.3 प्रतिशत रह गई, जो जुलाई में 8.5 प्रतिशत थी, लेकिन यह लक्ष्य 2 प्रतिशत से कहीं अधिक है. कई वरिष्ठ शीर्ष बैंकरों ने हाल ही में कहा था कि ब्याज दरों में एक और बढ़ोतरी आसन्न है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में यूएस इकोनॉमिक्स के अनुसार, ब्याज दरें बढ़ाना एक मौद्रिक नीति साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है, जिससे मुद्रास्फीति दर में गिरावट आती है.