मुंबई :आजकल हर कोई अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन का सहारा लेता है. इन दिनों बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोग रोजमर्रा के जीवन में क्रेडिट कार्ड का यूज करने लगे हैं. क्रेडिट कार्ड का चलन पिछले कुछ सालों में काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. लेकिन आने वाले समय में क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन लेना काफी मुश्किल होगा. इसका कारण यह है कि इससे जुड़े प्रावधानों को कड़े करने से बैंकों और Non-Banking Financial Company के पास लोन देने के लिए पूंजी कम बचेगी.
पर्सनल लोन से जुड़े नियम सख्त
दरअसल, आरबीआई ने पर्सनल लोन से जुड़े नियमों को काफी सख्त कर दिया है. रिवाइज्ड नॉम्स में रिस्क वेटेज को 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है. आरबीआई ने 16 नवंबर को असुरक्षित खुदरा लोनों पर ऋणदाताओं और Non-Banking Financial Company (एनबीएफसी) के लिए रिस्क वेटेज 25 प्रतिशत बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है. यह नया नियम होम लोन, एजुकेशन लोन और कार लोन सहित कंज्यूमर लोन पर लागू नहीं होगा. इन लोन पर 100 फीसदी रिक्स वेटेज लागू रहेगा. इसके अलवा यह नियम सोने और सोने के आभूषणों के बदले दिए गए लोन पर भी लागू नहीं होगा.