नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर सुस्ती आने की वजह से Income Tax और Corporate Tax का कलेक्शन 19.5 प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि दर को अगले वित्त वर्ष में कायम रख पाना मुश्किल हो सकता है. एक सरकारी सूत्र ने यह आशंका जताई है. व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर के रूप में वसूला जाने वाला शुद्ध Direct Tax संग्रह चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड दर से बढ़ा है. इसने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में निर्धारित Tax Collection लक्ष्य को भी पार कर लिया है.
डायरेक्ट टैक्स का कलेक्शन 12.31 लाख करोड़ रुपए
चालू वित्त वर्ष में 10 जनवरी की तारीख तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर का कलेक्शन 19.55 प्रतिशत बढ़कर 12.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह समूचे वित्त वर्ष के लिए अनुमानित कर संग्रह का 86.68 प्रतिशत है. जबकि वित्त वर्ष में अभी ढाई महीने का समय बचा हुआ है. हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों का असर देखा जा सकता है. सरकारी सूत्र ने कहा कि इस बजट में 19.5 प्रतिशत की मौजूदा कर वृद्धि को बनाए रख पाना मुश्किल होगा.
वैश्विक मंदी के असर से इनकम टैक्स कलेक्शन में गिरावट
सूत्र ने कहा, 'वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को कायम रख पाना मुश्किल होगा.' उन्होंने कहा कि Global Recession के खतरों को देखते हुए इनकम टैक्स के कलेक्शन में गिरावट आ सकती है. पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रह सकती है. हालांकि मौजूदा कीमतों पर यह वृद्धि 15.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक वृद्धि दर 6-6.5 प्रतिशत रह सकती है.