नई दिल्ली : अग्रणी फिनटेक कंपनी फोनपे ने बुधवार को घोषणा की कि उसका पेमेंट गेटवे छोटे और मध्यम व्यवसायों को आठ लाख रुपये तक बचाने में मदद करता है. ऐसे समय में जब अधिकांश भुगतान गेटवे दो प्रतिशत का मानक ट्रांजेक्शन चार्ज लेते हैं, फोनपे पेमेंट गेटवे नए व्यापारियों को मुफ्त में प्लेटफॉर्म से जुड़ने की विशेष पेशकश कर रहा है, जिसमें कोई हिडेन चार्जेज, सेटअप शुल्क या वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है. उदाहरण के लिए यदि एक करोड़ रुपये की मासिक बिक्री वाले व्यवसाय फोनपे पेमेंट गेटवे को मुफ्त में चुनते हैं, तो वे संभावित रूप से प्रति माह लगभग दो लाख रुपये की बचतकर सकते हैं.
फोनपे पेमेंट गेटवे के इस सीमित अवधि के ऑफर के साथ पूरे भारत में प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले व्यवसाई आठ लाख रुपये तक बचा सकते हैं. यह सीधा और पारदर्शी मूल्य निर्धारण व्यापारियों को अपने भुगतान अनुभव को निर्बाध रूप से बढ़ाने में मदद करता है. फोनपे से जुड़ने के कारण हुई बचत को वे अपने व्यवसाय को बढ़ाने में निवेश कर सकते हैं.
फोनपे पेमेंट गेटवे की वास्तविक क्षमता के बारे में बात करते हुए फ्लॉवरऑरा एंड बेकिंगो के सह-संस्थापक सुमन पात्रा ने कहा, एक ई-कॉमर्स व्यवसाय के रूप में एक विश्वसनीय पेमेंट गेटवे पार्टनर होना महत्वपूर्ण है और हम उनकी विरासत और अनुभव के कारण हमारे विकास भागीदार के रूप में फोनपे को पाकर खुश हैं. फोनपे ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने, ड्रॉप-ऑफ को कम करने और भुगतान की समग्र सफलता दर को बढ़ाने में हमारी मदद की है. फोनपे की सुचारू ऑनबोर्डिग प्रक्रिया और उत्कृष्ट व्यापारी समर्थन जारी रखने के हमारे निर्णय में महत्वपूर्ण कारक उनके साथ काम करना रहा है.
फोनपे की बाजार में 50 फीसदी हिस्सेदारी
फोनपे पहले से ही 50 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ यूपीआई में मार्केट लीडर है. बड़े पैमाने पर लेन-देन को संभालने की कंपनी की क्षमता और प्लेटफॉर्म में ग्राहकों के मजबूत विश्वास ने फोनपे को उपभोक्ताओं और व्यापारियों को समान रूप से सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास भुगतान अनुभव प्रदान करने के लिए अपना पेमेंट गेटवे व्यवसाय शुरू करने में परिवर्तित कर दिया है. मर्चेट अनुभव को बढ़ाने के लिए सहज इंटीग्रेशन, डिजिटल स्व-ऑनबोडरिंग और ग्राहकों के लिए एक सहज चेकआउट अनुभव के साथ उपयोग में आसानी शामिल है. इससे Phonepe Payment Gateway देश भर के व्यवसाईयों और MSME के बीच एक पसंदीदा विकल्प बन रहा है.