मुंबई:सेंसेक्स हर दिन अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर जा रहा है. साल 2023 के आखिरी महीने में कारोबार के दौरान शेयर बाजार में शानदार उछाल देखने को मिला है. सेंसेक्स कारोबार में 71,000 और निफ्टी 21,300 अंक से ऊपर चला गया. लेकिन क्या आपको पता है सेंसेक्स कभी 100 अंकों पर हुआ करता था जो आज 71,000 पर जा पहुंचा है. आइये जानते है सेंसेक्स के इतिहास को, जिसने हर दिन एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
कब शुरू हुआ ये सिलसिला
भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की स्थापना 1875 में हुई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की स्थापना 1992 में हुई थी.
सेंसेक्स 100 अंकों से हुआ था शुरू
सेंसेक्स को 2 जनवरी 1986 को लॉन्च किया गया था, जिसका आधार वर्ष 1979 था, और आधार मूल्य 100 अंक था. सेंसेक्स में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 स्टॉक शामिल हैं. साल 1990 के दशक की शुरुआत में, स्टॉकब्रोकर हर्षद मेहता के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर ने सेंसेक्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था, जहां अप्रैल 1992 में 4,467 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
1990 में सेंसेक्स ने पार किया 5,000 का आंकड़ा
1990 के दशक के अंत में वैश्विक प्रौद्योगिकी में तेजी देखी गई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा. अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया. पहली बार सेंसेक्स शुरुआत के 4 साल बाद जुलाई 1990 में 1,000 अंक की उछाल ने सेंसेक्स को 970 सत्र तक पहुंचा दिया था, जिसे शेयर बाजार का हिट कहा जाता है. हालांकि, अगले 1,000 अंक में केवल 270 सेशन लगे.
10 सालों के अंदर सेंसेक्स ने रचा इतिहास
अपनी शुरुआत के 13 साल बाद, अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स 5,000 अंक तक पहुंच गया था. फरवरी 2006 में सेंसेक्स पहली बार इस स्तर पर पहुंचा और इसके बाद 10,000 का आंकड़ा सिर्फ 7 साल में पहुंच गया. उसी वर्ष, अक्टूबर तक सेंसेक्स 11,000, 12,000 और 13,000 के स्तर को भी पार कर गया. अगले साल 2007 में दिसंबर में सेंसेक्स 20,000 के आंकड़े पर पहुंच गया. इस 10 हजार की छलांग के लिए सेंसेक्स को 109 सत्र लगे. दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने पहली बार 20,000 का आंकड़ा पार किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत को दर्शाता है.
साल 2008 नहीं रहा सेंसेक्स के लिए सही
हालांकि, बाद में Y2K संकट और डॉट-कॉम बुलबुले के कारण बड़ा सुधार हुआ. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, सेंसेक्स को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अक्टूबर 2008 में इसमें तीव्र गिरावट आई और यह 8,160 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया. इस संकट का भारतीय शेयर बाजार पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे बड़े पैमाने पर घबराहट हुई और निवेशकों को नुकसान हुआ. हालांकि, सूचकांक और व्यापक बाजार 2008 के निचले स्तर से उबर गए.