नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजारों में लगातार सात दिनों से जारी गिरावट के बीच निवेशकों की पूंजी 10.42 लाख करोड़ रुपये घट गई है. इस दौरान बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स भी 2,000 अंक से भी ज्यादा गिर चुका है. सोमवार को सेंसेक्स 175.58 अंक यानी 0.30 प्रतिशत गिरकर 59,288.35 अंक पर आ गया. यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार सातवां कारोबारी दिन रहा. यह पिछले पांच महीनों में गिरावट का सबसे लंबा दौर है.
शेयर बाजार में गिरावट का मौजूदा दौर शुरू होने के बाद से अब तक सेंसेक्स में 2,031.16 अंक यानी 3.31 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है. इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 10,42,790.03 करोड़ रुपये गिरकर 2,57,88,195.57 करोड़ रुपये रह गया.
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड में इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि एशियाई बाजारों से मिले कमजोर संकेत और बिगड़ते वैश्विक आर्थिक संकेतक निवेशकों को इक्विटी बाजार में हिस्सेदारी कम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इसके अलावा विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों की निकासी भी बाजार में मंदड़ियों को हावी होने का मौका दे रही है.
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला जारी रहने की आशंका गहराने और भू-राजनीतिक तनाव जैसी प्रतिकूल स्थितियां भी कारोबारी धारणा को कमजोर कर रही हैं."
वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांक सोमवार को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए. पिछले पांच माह में यह गिरावट का सबसे लंबा दौर है. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), वाहन और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और विदेशी पूंजी की निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 175.58 अंक यानी 0.30 प्रतिशत नुकसान के साथ 59,288.35 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 526.29 अंक तक गिरकर 58,937.64 अंक पर भी आ गया था.
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 73.10 अंक यानी 0.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी कारोबार के अंत में 17,392.70 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का यह लगातार सातवां दिन रहा. इस तरह दोनों प्रमुख सूचकांकों में लगातार सात दिन की गिरावट के सितंबर, 2022 के दौर की बराबरी हो गई. बीते सात कारोबारी दिन में सेंसेक्स 2,031 अंक यानी 3.4 प्रतिशत गिर चुका है जबकि निफ्टी में 643 अंक यानी 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई है.
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 17 के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. टाटा स्टील, इन्फोसिस, टीसीएस, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, एल एंड टी, भारती एयरटेल, विप्रो और बजाज फाइनेंस के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही. दूसरी तरफ पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एसबीआई में बढ़त दर्ज की गई. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में आए निजी उपभोग व्यय के आंकड़ों से ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि का सिलसिला जारी रहने की आशंका बढ़ी है। इसका असर घरेलू बाजारों में भी मंदड़ियों के सक्रिय होने से पड़ा.’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि आईटी, वाहन और धातु शेयरों में बिकवाली से बाजार पर खासा दबाव बना लेकिन बैंकिंग शेयरों की मजबूती ने स्थिति को कुछ हद तक संभाल लिया. व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.69 प्रतिशत गिरा जबकि स्मॉलकैप में 1.28 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. एशिया के अन्य बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए. दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही. हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के कारोबार में बढ़त में थे. अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत चढ़कर 83.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी जारी रखी है. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 1,470.34 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी.
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(भाषा)