मुंबई:शेयर बाजारों में पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद शुक्रवार को विराम लग गया और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक चढ़कर बंद हुआ. उम्मीदों के अनुरूप ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि और भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति के अगले साल जनवरी से नियंत्रण में आने के अनुमान से बाजार में तेजी आई. कारोबारियों के अनुसार, रुपये की विनियम दर में सुधार का भी बाजार पर सकरात्मक प्रभाव पड़ा.
डगमगाती शुरुआत के बाद तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,016.96 अंक या 1.80 प्रतिशत उछलकर 57,426.92 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,312.67 अंक तक चढ़ गया था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 276.25 अंक या 1.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,094.35 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में एयरटेल के शेयर में सबसे अधिक 4.49 प्रतिशत का उछाल आया. इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और टाटा स्टील के शेयर भी लाभ में रहे. दूसरी तरफ डॉ रेड्डीज, एशियन पेंट्स, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. कुल मिलाकर मई से अबतक आरबीआई रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति में आरबीआई के भरोसे और ब्याज दरों में उम्मीदों के अनुरूप वृद्धि से घरेलू शेयर बाजार को पिछले सात कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट को थामने में मदद मिली. उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.70 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय और अर्थव्यवस्था में सात प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि का अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत देता है. हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था से घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए मौजूदा जोखिमों के बारे में चेतावनी भी दी गई है.