बेंगलुरु : सरकार का लक्ष्य अगले 10 साल में वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को बताया कि इस दिशा में पहल करते हुए अब तक सात चिप डिजाइन स्टार्टअप के लिए वित्त पोषण और सहायता मंजूर की गई है.
'सेमीकॉन इंडिया 2023' के दूसरे दिन अपने संबोधन में मंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में भारत का भविष्य उज्ज्वल है. उन्होंने कहा, 'अब तक सात चिप डिजाइन स्टार्टअप को उनके उत्पादों को विकसित करने में फंडिंग और सहायता के लिए मंजूरी दी गई है. यह पहल लगातार विश्वास और समर्थन प्राप्त कर रही है. यह स्टार्टअप के लिए गहरी तकनीक और सेमीकंडक्टर डिजाइन में उतरने का एक अपेक्षाकृत नया अवसर है.'
चंद्रशेखर ने कहा, सरकार ने एक डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी कार्यक्रम (डीआईआर-वी) लॉन्च किया है और शैक्षणिक संस्थानों के आसपास बड़ी संख्या में स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन सेंटर आरआईएससी-वी के भविष्य और इसके द्वारा संचालित उपकरणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सम्मेलन के दूसरे दिन, सीडीएसी ने 'आर्म फ्लेक्सिबल एक्सेस फॉर स्टार्टअप्स' कार्यक्रम के माध्यम से देश में सेमीकंडक्टर स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए दुनिया की अग्रणी सेमीकंडक्टर आईपी कंपनी आर्म के साथ साझेदारी की घोषणा की.
आर्म इंडिया के अध्यक्ष गुरु गणेशन ने कहा, 'इनोवेटिव सिलिकॉन स्टार्टअप सेमीकंडक्टर उद्योग के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि वे एआई से लेकर स्वायत्त वाहनों और आईओटी तक के क्षेत्रों में जीवन बदलने वाली नई तकनीक विकसित करेंगे.' सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल दो और स्टार्टअप/एमएसएमई को 'सेमीकॉनइंडिया फ्यूचरडिज़ाइन डीएलआई' योजना में भागीदार घोषित किया गया.