नई दिल्ली:देश के आठ प्रमुख शहरों में पिछले साल 50 लाख रुपये कीमत तक के घरों की बिक्री 16 फीसदी घटकर 98,000 इकाई रह गई है. नाइट फ्रैंक इंडिया की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति की कीमतों में उछाल और आवास लोन पर ऊंचे ब्याज की वजह से घरों की बिक्री में गिरावट आई है. हालांकि, इसके बावजूद टॉप आठ शहरों, जिसमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद में बीते साल सभी मूल्य वर्ग में घरों की बिक्री पांच फीसदी बढ़कर 3,29,907 इकाई पर पहुंच गई है.
रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया एक वेबिनार में यह रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 के 1,17,131 इकाई के आंकड़े से घटकर 2023 में 97,983 इकाई रह गई. इससे कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 फीसदी से घटकर 30 फीसदी रह गई है. इससे कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 फीसदी से घटकर 30 फीसदी रह गई है.
एक करोड़ रुपये वाले घरों में हुई बढ़ोतरी
एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 2022 के 27 फीसदी से बढ़कर 2023 में 34 फीसदी हो गई. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि अधिक महंगी संपत्तियों की ओर बदलाव की वजह से आवास बाजार ने 2023 में भी अच्छी तेजी हासिल की है. उन्होंने कहा कि देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद की वजह से खरीदारों का दीर्घावधि का निवेश करने का भरोसा बढ़ा है. वर्ष 2018 में कुल आवासीय बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 54 फीसदी थी.
इन शहरों के घरों के ब्रिकी में आई गिरावट
मुंबई में 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत के घरों की बिक्री 2023 में छह फीसदी घटकर 39,093 इकाई रह गई, जो इससे पिछले वर्ष में 41,595 इकाई थी. किफायती आवास खंड में सबसे अधिक गिरावट बेंगलुरु में देखी गई. बेंगलुरु में सस्ते घरों की बिक्री 46 फीसदी घटकर 8,141 इकाई रह गई. 2022 में यह आंकड़ा 15,205 इकाई का था.