नई दिल्ली: शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों से तय होगी. इसके अलावा वैश्विक रुझान, विदेशी कोषों के रुख और कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार भागीदारों की निगाह रहेगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में हाल में सुधार दिखा है, लेकिन यह अभी मजबूत नजर नहीं आ रहा है. इसकी वजह बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक स्तर पर नीतिगत रुख को सख्त किया जाना है.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा, वैश्विक स्तर पर वृहद आंकड़े और कच्चे तेल के दाम इस सप्ताह बाजार की चाल तय करेंगे. रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा आठ जून को होगी. रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है, ऐसे में केंद्रीय बैंक की ‘टिप्पणी’ क्या रहती है, उसे देखना होगा. औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े 10 जून को कारोबार बंद होने के बाद आएंगे.'
मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बृहस्पतिवार को अमेरिका के बेरोजगारी दावों के आंकड़े और शुक्रवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े आने हैं. वैश्विक बाजारों की दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण रहेंगे. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम अभी ऊंचे हैं. यदि इनमें कमी नहीं आती, तो इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अब भी बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि, अब इसकी रफ्तार कुछ कम हुई है. मीणा ने कहा कि यदि कच्चे तेल के दाम में तेजी से रुपया कमजोर होता है, तो उनकी बिकवाली और बढ़ सकती है.