नई दिल्ली :रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पहली बार बताया है कि आगामी निवेश के बावजूद नेट डेब्ट/EBITDA को एक से नीचे बनाए रखने की योजना है. यह बात विदेशी ब्रोकरेज मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कही. पिछले दो वर्षों के आंतरिक नकद लाभ ने एक्स-स्पेक्ट्रम में 30 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. मार्च -23 तिमाही के लिए कंपनी का कैपेक्स रन रेट बढ़कर 5.4 बिलियन डॉलर हो जाने के साथ नेट डेब्ट तिमाही दर 13 बिलियन डॉलर था.
RIL ने कैपेक्स में 17 बिलियन डॉलर का निवेश किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च -23 में विदेशी स्वामित्व 7 साल के निचले स्तर 24 फीसदी के करीब था. कैपेक्स-एक कंपनी द्वारा अचल, भौतिक या गैर-उपभोज्य संपत्तियों को प्राप्त करने या अपग्रेड करने के लिए निवेश किया गया धन है. कैपेक्स मुख्य रूप से गैर-उपभोज्य संपत्तियों में एक बार का निवेश है जिसका उपयोग किसी कंपनी के भीतर संचालन के मौजूदा स्तर को बनाए रखने और इसके भविष्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.
वित्तीय वर्ष 23 की चतुर्थ तिमाही में EBITDA को आम सहमति से 5 फीसदी ऊपर रहने दिया, क्योंकि रासायनिक मार्जिन में सुधार हुआ, गैस की लागत में गिरावट आई और रिफाइनिंग मार्जिन में उछाल आया. खुदरा क्षेत्र में वृद्धि के लिए स्टोर विस्तार महत्वपूर्ण था और एबिटडा इन-लाइन था. 18 फीसदी के लाभ को कम दर से भी संचालित किया गया था. EBITDA का अर्थ है- अर्निंग्स बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन एंड अमॉर्टाइजेशन से है.