नई दिल्ली: राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय (एनएसओ) के जारी आकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर पर आ गई है. साथ ही देश का औद्योगिक उत्पादन भी बढ़कर पांच महीने शीर्ष पर पहुंच गया है. NSO के आकड़ों के अनुसार खाने-पीने की चीजों की कीमत में आई गिरावट की वजह से खुदरा महंगाई दिसंबर 2022 में कम होकर 5.72 फीसदी रह गया है. दिसंबर 2021 में यह आकड़ा 5.66 फीसदी था. खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से Consumer Price Index (CPI) आधारित महंगाई पिछले साल नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 फीसदी पर आ गई थी.
RBI की मॉनिट्री प़लिसी का असर, लगातार दूसरे महीने महंगाई सेमिली राहत
खुदरा महंगाई के मोर्चे पर आरबीआई को लगातार दूसरे महीने राहत मिली है. सीपीआई महंगाई जनवरी 2022 में अक्टूबर तक लगातार केंद्रीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 फीसदी की ऊपरी सीमा से अधिक रही थी. नवम्बर में यह पहली बार घटकर 6 फीसदी से नीचे आई. दिसबर में इसमें और नरमी आई है. गौरतलब है कि आरबीआई एक्ट के तहत महंगाई की आदर्श दर 2-6 प्रतिशत है. महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए आरबीआई लगातार अपने मैद्रिक नीति में बदलाव कर रहा था. पिछले महीने आरबीआई ने 0.35 फीसदी से रेपो रेट को बढ़ाया था. आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार ब्याज दरों में इजाफा करते हुए 2.25 बेसिस पॉवइंट का रेपो रेट बढ़ाया था. हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा.