नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर भारत के सबसे बड़े बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अध्यक्ष दिनेश खारा का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा मौजूदा अनिश्चित आर्थिक माहौल का व्यावहारिक आकलन है. खारा ने कहा कि आरबीआई ने विकास और मुद्रास्फीति का सही ढंग से आकलन किया है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने सरकारी उधार कार्यक्रम (government borrowing program) का समर्थन करने के लिए भी कई उपायों की घोषणा की है, जो किसी भी तरह अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाले नहीं (non-disruptive) हैं.
ईटीवी भारत के एक सवाल पर एसबीआई चीफ दिनेश खारा ने कहा, बैंकों में कार्ड-रहित निकासी में अंतर-संचालन (interoperability) की अनुमति देने के उपायों से क्यूआर कोड से होने वाले भुगतान को और प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के लिए एक मजबूत संरचना स्थापित करने का निर्णय इस कदम का तार्किक परिणाम है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा हमें कोरोना महामारी के बाद की दुनिया (world after COVID-19) के लिए तैयार करती है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति पर येस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान (YES Bank Indranil Pan) का कहना है कि वैश्विक परिस्थितियों में 'टेक्टोनिक बदलाव' (tectonic shift) के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो दर में संभावित वृद्धि के लिए बाजार को तैयार करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. पान ने ईटीवी भारत को बताया, वैश्विक बाजार की मौजूदा स्थिति को स्पष्ट किया गया है, क्योंकि गवर्नर ने संकेत दिया था कि आरबीआई के लिए वरीयता का क्रम अब मुद्रास्फीति, विकास और वित्तीय स्थिरता है, न कि कोरोना काल के बाद विकास की गति को बनाए रखना और समर्थन करना.
उन्होंने कहा कि तरलता के कारण मौद्रिक नीति न्यूट्रल बनी रहेगी इस बात के कयास लगने पहले ही शुरू हो चुके थे. बकौल अर्थशास्त्री इंद्रनील पान, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में स्थायी जमा सुविधा को प्रणालीबद्ध (institutionalization of the Standing Deposit Facility) करने के साथ परिचालन दर में 40 आधार अंकों (0.4 प्रतिशत) की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने एक उपकरण के रूप में रिवर्स रेपो को लगभग खत्म कर (buried the reverse repo as an instrument) दिया है. इंद्रनील पान ने उम्मीद जताई कि इस साल जून में आरबीआई का उदार रुख 'तटस्थ' दिखेगा और अगस्त में रेपो रेट में वृद्धि हो सकती है.