नई दिल्ली :रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहली बार 2000 रुपये के नोटबंदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट को लाने का हमारा मकसद पूरा हो गया है. आम जनता किसी तरह की कोई चिंता न करें. 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए बैंको को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए दिशा- निर्देश दे दिया गया है. लोगों को नोट बदलने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी.
नोट बदलने के लिए चार महीने का समय
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नोट को बदलने के लिए चार महीने का समय दिया गया है. लोग आराम से नोट बदल सकते हैं. लोग नोटबंदी के मामले को गंभीरता से लें लेकिन पैनिक न हो. नोट बदलने के लिए काफी समय है. पुराने नोट बदलने के लिए लगाई पाबंदी को आप किसी तरह की दिक्कत ना मानें.
पॉलिसी के तहत लिया गया फैसला
आरबीआई गवर्नर ने 2000 रुपये के नोटबंदी को करेंसी मैनेजमेंट पॉलिसी का हिससा बताया. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट को लाने के कई कारण थे और इसे एक पॉलिसी के तहत लाया गया था. समय-समय पर आरबीआई एक विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है... हम 2000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस ले रहे हैं लेकिन वे कानूनी निविदा के रूप में जारी हैं. 30 सितंबर तक लोग बैंक में जाकर पुराने नोटों को बदलवा सकते हैं.
2000 के नोट पर फैसला क्लीन नोट पॉलिसी का हिस्सा
आरबीआई गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा कि 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करना क्लीन नोट पॉलिसी का हिस्सा है. इसे RBI के करेंसी मैनजेंमेंट सिस्टम का हिस्सा माना जाना चाहिए. नोट बदलने के लिए काफी समय है लिहाजा लोग नोट बदलने में किसी तरह की अफरातफरी न करें. जो कठिनाई होगी आरबीआई उसे सुनेगा और पुराने नोट बदलने के लिए लगाई पाबंदी के तहत किसी तरह की दिक्कत जनता को ना हो, इसका ध्यान रखा गया है.
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