मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Reserve Bank governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को बैंकों को किसी भी तरह के परिसंपत्ति-देनदारी असंतुलन के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि दोनों तरह के अंसतुलन वित्तीय स्थिरता के लिए हानिकारक हैं. उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में जारी संकट इस तरह के असंतुलन से पैदा हुआ है. गवर्नर ने कोच्चि में वार्षिक के पी होर्मिस (फेडरल बैंक के संस्थापक) स्मारक व्याख्यान में कहा कि घरेलू वित्तीय क्षेत्र स्थिर है और महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया है.
विनिमय दरों में जारी अस्थिरता के कारण बाहरी ऋण चुकाने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में दास ने कहा, 'हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारा बाहरी ऋण प्रबंधन योग्य है. डॉलर की मजबूती से हमारे लिए कोई समस्या नहीं है.' गौरतलब है कि डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण उच्च बाहरी ऋण जोखिम वाले देशों के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं. गवर्नर का अपने भाषण का ज्यादातर हिस्सा भारत की जी20 अध्यक्षता पर केंद्रित रहा. उन्होंने कहा कि दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह (जी20) को डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण उच्च बाहरी ऋण जोखिम वाले देशों की मदद करने के लिए समन्वित प्रयास करने चाहिए.