दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

RBI Repo Rate : आज से आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग, महंगाई से मिलेगी राहत या और बढ़ेगा बोझ? - RBI Governor Shaktikanta Das

खुदरा महंगाई में गिरावट के साथ क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की Monetary Policy Committee (MPC) नीतिगत दरों में वृद्धि करेगी या इस पर विराम लगाएगी? इसका पता 8 फरवरी को चलेगा.

Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

By

Published : Feb 6, 2023, 10:30 AM IST

चेन्नई : आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो गई है. तीन दिनों तक चलने वाली यह बैठक आठ फरवरी को रेपो रेट का एलान करेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास नीतिगत दरों में वृद्धि करेंगे या इस पर विराम लगाएंगे? दरों पर फैसला करने के लिए आरबीआई की यह कमेटी 6 से 8 फरवरी तक चलेगी.

CPI महंगाई को लेकर अर्थशास्त्री चिंतित
आंकड़ों पर गौर करें तो दिसंबर 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर थी, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी, विशेष रुप से फलों और सब्जियों की कीमतें कम होना था. यह लगातार दूसरा महीना रहा जब महंगाई दर RBI की 2 फीसदी से 6 फीसदी के टॉलरेंस लेवेल के भीतर बनी रही. हालांकि, अर्थशास्त्री चिंतित हैं क्योंकि मूल महंगाई उच्च स्तर पर अभी भी बनी हुई है.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2022 में Consumer Price Index (CPI) आधारित महंगाई 5.88 प्रतिशत थी. अक्टूबर 2022 में, यह 6.77 प्रतिशत के उच्च बैंड पर थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 में खाने-पीने की महंगाई 4.19 प्रतिशत रही, जो नवंबर 2022 के 4.67 प्रतिशत के स्तर से कम है. नवंबर 2022 की तुलना में दिसंबर 2022 में फलों और सब्जियों के अलावा तेल और वसा के साथ-साथ मांस और मछली की कीमतों में भी गिरावट आई थी.

महंगाई से मिलेगी राहत या और बढ़ेगा बोझ?

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर- फिक्स्ड इनकम, पंकज पाठक ने कहा, मुद्रास्फीति पिछले तीन महीनों में काफी नीचे आई है. अमेरिका में दरों में मामूली वृद्धि के साथ बाहरी परिस्थितियों में सुधार आया है. आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में भी पिछले कुछ महीनों में वृद्धि हुई है. हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी की बैठक में दर वृद्धि चक्र को रोकेगा और रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर बनाए रखेगा. पाठक के मुताबिक बॉन्ड बाजार को सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि बॉन्ड यील्ड धीरे-धीरे नीचे जाएगी, हालांकि एलिवेटेड बॉन्ड सप्लाई यील्ड के नकारात्मक पक्ष को सीमित कर देगी.

इनफ्लेशन के आंकड़ों पर केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में अपेक्षा से अधिक कम हुई है, जिससे यह आरबीआई की ऊपरी सहनशीलता से नीचे आ गई है. नरमी मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट को लेकर है, जिसने खाद्य टोकरी के अन्य उत्पाद जैसे अनाज, दूध और मांस की कीमतों में वृद्धि को ऑफसेट करने में मदद की. हालांकि, चिंता की बात यह है कि सेवा क्षेत्र में उच्च मुद्रास्फीति के साक्ष्य के साथ कोर CPI Inflation 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.

उन्होंने कहा, नीति के नजरिए से हम मानते हैं कि फरवरी की एमपीसी बैठक में आरबीआई का कदम कोर CPI इनफ्लेशन के साथ स्थिर रहेगा. 5-7 दिसंबर, 2022 के दौरान आयोजित एमपीसी की बैठक में प्रो. जयंत आर. वर्मा ने रेपो दर को 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था.

(आईएएनएस)

पढ़ें :RBI on Adani Group Episode : पूरे मामले पर आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र को लेकर दिया स्पष्टीकरण

ABOUT THE AUTHOR

...view details