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RBI की हरी झंडी, Hinduja Group की ये कंपनी करेगी रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण - रिलायंस कैपिटल

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कर्ज के लिए समाधान योजना को मंजूरी दे दी हैं. इस फैसले के बाद हिंदुजा समूह की इकाई , इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के लिए कंपनी के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है. पढ़ें पूरी खबर...(National Company Law Tribunal, Reserve Bank of India, reliance capital limited, Loan, Anil Ambani, Hinduja Group)

RBI approves Hinduja Group
RBI के फैसले के बाद Hinduja Group का रास्ता हुआ साफ

By IANS

Published : Nov 18, 2023, 10:36 AM IST

मुंबई: अनिल धीरूभाई अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को आरबीआई के ओर से समाधान योजना की मंजूरी मिली है. अनिल अंबानी रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से अलग होने के बाद जुलाई 2006 में रिलायंस ग्रुप बनाया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के लिए समाधान योजना को मंजूरी दे दी है. आरबीआई के इस कदम से हिंदुजा समूह की इकाई , इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) के लिए कंपनी के अधिग्रहण का रास्ता साफ होते नजर आ रहा है.

आईआईएचएल ने नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाई

RBI ने रिलायंस कैपिटल के हिंदुजा समूह इकाई अधिग्रहण को मंजूरी दे दी
कंपनी की ओर से कहा गया है क‍ि आपको सूचित किया जाता है कि रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के प्रशासक को भारतीय रिजर्व बैंक से 17 नवंबर, 2023 के पत्र के माध्यम से नो ऑब्जेक्शन प्राप्त हुई है. लंबी लड़ाई के बाद, आईआईएचएल इस साल अप्रैल में संपन्न नीलामी के दूसरे दौर में रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी. आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान चूक और गंभीर शासन संबंधी मुद्दों को देखते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था.

सीआईआरपी के लिए नागेश्वर राव वाई हुए नियुक्त
आरबीआई ने कंपनी के कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के संबंध में नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया है. रिलायंस कैपिटल तीसरी बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है,जिसके खिलाफ आरबीआई ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की थी. अन्य दो श्रेई ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएचएफएल) थे. बाद में केंद्रीय बैंक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया था.

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