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व्हीकल लोन पर ब्याज दर में बढ़ोतरी से प्रभावित हो सकती है पीवी की सेल- मारुति सुजुकी

Maruti Suzuki- मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एक्यूटिव ऑफिसर ने कहा कि अगर आरबीआई आगे चलकर प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कटौती नहीं करता है, तो वाहन लोन और महंगा हो सकता है. साथ ही कहा कि इस साल उद्योग एक डिजिटल बढ़ोतरी के लिए तैयार है. पढ़ें पूरी खबर...

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(फाइल फोटो)

By PTI

Published : Jan 7, 2024, 1:21 PM IST

नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक यदि आगे चलकर प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कटौती नहीं करता है, तो वाहन लोन और महंगा हो सकता है. इसका सीधा असर पैसेंजर व्हीकल (पीवी) की बिक्री पर पड़ेगा. मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (मार्केटिंग एंड सेल) शशांक श्रीवास्तव ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि इस साल उद्योग एक डिजिटल बढ़ोतरी के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 2023 में रिकॉर्ड 41.08 लाख इकाइयों के ऊंचे आधार के चलते यात्री वाहनों की बिक्री वृद्धि एक अंक में रह सकती है.

देश की आर्थिक वृद्धि के लिए ये साल सकारात्मक
श्रीवास्तव ने कहा कि देश की कुल आर्थिक वृद्धि एक सकारात्मक कारक है. श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा कि वाहन उद्योग की वृद्धि काफी हद तक कुल अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर निर्भर करती है. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. दोनों के बीच अधिक जुड़ाव होता है. इसलिए यह एक सकारात्मक पक्ष है. उन्होंने कहा कि हम पहुंच ऊंचे आधार पर पहुंच गए है.

2021 में वृद्धि लगभग 27 फीसदी
इस आधार पर लगातार वृद्धि हासिल करना कुछ मुश्किल है. हमने देखा कि 2021 में वृद्धि लगभग 27 फीसदी थी, 2022 में यह 23 फीसदी थी. 2023 में यह 8.3 फीसदी है. इसलिए मेरा अनुमान है कि इस साल वृद्धि एक अंक में रहेगी. श्रीवास्तव ने कहा कि वाहन कर्ज की दरों में संभावित बढ़ोतरी भविष्य की मांग को प्रभावित कर सकती है. पिछले साल से रेपो दर में ढाई फीसदी की वृद्धि हुई है.

इस बढ़ोतरी को अभी पूरी तरह खुदरा स्तर पर ट्रांसफर नहीं किया गया है. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि आवास लोन में फ्लोटिंग दरों की वजह से रेपो दर में वृद्धि तुरंत खुदरा लोन दरों में आती है. लेकिन वाहन लोन के मामले में लगभग 98 फीसदी कर्ज निश्चित या फिक्स्ड दरों पर होता है. श्रीवास्तव ने कहा कि अबतक रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी में से 1.3 फीसदी खुदरा वाहन कर्ज में आया है.

यदि इस साल नीतिगत दर में कटौती नहीं होती है, तो वाहन कर्ज 1.2 फीसदी और महंगा हो सकता है. उन्होंने कहा कि ब्याज दर में संभावित वृद्धि के अलावा जो अन्य कारक यात्रा वाहन की बिक्री को प्रभावित कर सकती है, उनमें दबी मांग का समाप्त होना और विनिर्माताओं द्वारा 2023 की समाप्ति से पहले स्टॉक में किया गया करेक्शन शामिल है. उन्होंने कहा कि 2023 की शुरुआत में बड़े स्तर पर लंबित बुकिंग थी. लेकिन साल के दौरान धीरे-धीरे यह कम हो गई है। ‘‘ज्यादातर मॉडल के लिए अब प्रतीक्षा अवधि समाप्त हो चुकी है

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