नई दिल्ली : सितंबर में पीएसयू बैंक (18 फीसदी), टेलीकॉम (नौ फीसदी), यूटिलिटीज (सात फीसदी), तेल एवं गैस (छह फीसदी) और कैपिटल गुड्स (छह प्रतिशत) के साथ सभी प्रमुख क्षेत्र बढ़त में रहे जबकि मीडिया (माइनस एक प्रतिशत) एकमात्र कमजोर क्षेत्र रहा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
वहीं, निफ्टी ने 18 हजार से 19 हजार तक 425 दिनों (अक्टूबर 2021 - जून 2023) की एक अस्थिर और लंबी यात्रा के बाद 19 हजार से 20 हजार तक का सफर केवल 52 कारोबारी दिनों (जुलाई-सितंबर) में पूरा किया. हालाँकि, प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, निफ्टी अपने जून 2022 और मार्च 2023 के निचले स्तर से उबरकर 20 हजार तक पहुंचने में कामयाब रहा. इसमें सबसे ज्यादा योगदान इस साल मार्च से सितंबर के बीच 19 अरब डॉलर के विदेशी संस्थागत निवेश और 9.3 अरब डॉलर के घरेलू संस्थागत निवेश का रहा.
दरअसल, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने तक शुद्ध खरीदार बने रहने के बाद सितंबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2.3 अरब डॉलर की शुद्ध बिकवाली की. कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की तरफ से पूंजी प्रवाह क्रमशः 14.7 अरब डॉलर और 15.7 अरब डॉनर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीआईआई ने अगस्त 2023 में तीन अरब डॉलर के निवेश के बाद सितंबर 2023 में भी 2.4 अरब डॉलर का उल्लेखनीय प्रवाह दर्ज किया.
पढ़ें :Share Market closing 29 Sept: हफ्ते के आखिरी दिन निवेशकों को हुआ 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फायदा
रिपोर्ट में कहा गया है कि, "हम देखते हैं कि पिछले पांच आम चुनावों (1999-2019) के दौरान, चुनाव परिणामों की घोषणा से छह महीने पहले निफ्टी-50 में 10- 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। भारत में मार्च-मई 2024 में आम चुनाव होंगे."