नई दिल्ली:देश के फाइनेंशियल हब गिफ्ट सिटी ने अरबपति अजीम प्रेमजी के परिवार कार्यालय को विदेशों में अपनी पूंजी निवेश करने के लिए पहली मंजूरी दे दी है. जिससे देश के अमीरों के लिए उम्मीद बढ़ गई है क्योंकि वे इसी तरह के कदम उठाने के लिए नियामकों से स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं.
दर्जनों आवेदन अभी भी पेंडिंग पड़ें हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमजी इन्वेस्ट को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में एक तथाकथित फैमिली निवेश फंड (एफआईएफ) स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक, एफआईएफ के लिए दर्जनों आवेदन जो परिवारों को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों और विदेशी उपकरणों में निवेश करने की अनुमति देते हैं, अभी भी पेंडिंग पड़ें हैं.
इन दो दिग्गजों को मिली सबसे पहले मंजूरी मंजूरी मिलने पर फैमिलीज विदेशों में कई एसेट क्लास और यंत्रों में इन्वेस्ट कर पायेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमजी इन्वेस्ट और अरबपति नारायण मूर्ति समर्थित कैटामारन वेंचर्स उन एफआईएफ में शुमार हैं जिन्हें सबसे पहले मंजूरी मिली है. गिफ्ट सिटी को नियंत्रित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के प्रतिनिधियों ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी नहीं की है जबकि प्रेमजी इन्वेस्ट ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.
भारत में चीन के जैसे ही सख्त नियम है बता दें, भारत में चीन के जैसे ही विदेशों में निवेश के सख्त नियम है. देश ने विदेशों में कैपिटल ले जाने पर कड़ा नियंत्रण रखा है. देश के निवासियों को हर साल विदेशों में केवल 250,000 डॉलर भेजने की अनुमति है, जिसमें संपत्ति की खरीद, शेयरों और प्रतिभूतियों में निवेश के साथ-साथ विदेश में संयुक्त उद्यम या सहायक कंपनियां स्थापित करना शामिल है. मालूम हो, GIFT सिटी मोदी सरकार का एक महत्वकांक्षी परियोजना है और इसका लक्ष्य नियमों और करों से मुक्त एक फाइनेंशियल केंद्र बनना है.