नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार सेमीकंडक्टर के विनिर्माण पर जोर दे रही है. इसी के मद्देनजर आज गुजरात में 'सेमीकॉन इंडिया' (Semicon India 2023) कार्यक्रम का आयोजना किया गया. जिसमें सरकार विदेशी निवेशकों को देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है. साथ ही सरकार ने ये घोषणा कि है कि वह कंपनियों को 50 फीसदी वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी. इन सब माध्यमों से सरकार देश को सेमीकंडक्टर चेन का हब बनाना चाहती है. लेकिन सवाल उठता है कि Semiconductor इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं? इसका इस्तेमाल कहां-कहां होता है और इसका बाजार कितना बड़ा है. आइए इन तमाम सवालों का जवाब जानते हैं इस रिपोर्ट में....
क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप
सेमीकंडक्टर एक खास तरह का पदार्थ होता है. जो सिलिकॉन से बनता है. ये मुख्यतौर पर इलेक्टॉनिक प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसे इलेक्ट्रिसिटी का अच्छा कंडक्टर माना जाता है. इसमें इलेक्ट्रिसिटी को नियंत्रित करने की क्षमता होती है. सेमीकंडक्टर चिप्स को माइक्रोसर्किट्स में फिट किया जाता है, जिनसे कई आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और कंपोनेंट्स को पावर मिलती है.
सेमीकंडक्ट का इस्तेमाल
इलेक्टॉनिक प्रॉडक्टस के लिए सेमीकंडक्टर चिप बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसे इलेक्टॉनिक प्रॉडक्टस का दिल माना जाता है. Semiconductor Cheap का इस्तेमाल स्मार्टफोन्स से लेकर कार, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डेवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम, डेटा सेंटर्स और कम्प्यूटर्स, जैसे कई उत्पादों में किया जाता है.
सेमीकंडक्टर का बाजार
इस तरह से देखें तो हमारे आस-पास के सभी इलेक्टॉनिक सामानों में सेमीकंडक्टर चीप का उपयोग किया जाता है. ऐसे में हम अनुमान लगा सकते हैं कि इसका बाजार कितना बड़ा होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2019 में देश में सेमीकंडक्टर मार्केट (Semiconductor Market in India) का वैल्यूएशन 22.7 अरब डॉलर था. बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते इसका बाजार बढ़ता ही जा रहा है. साल 2022 में कुल बाजार में इसका हिस्सा लगभग 10 फीसदी था.