नई दिल्ली: लॉजिस्टिक्स और संपर्क (कनेक्टिविटी) से जुड़े बुनियादी ढांचे से संबंधित 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं को अब पीएम गतिशक्ति पहल के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) से मंजूरी लेनी होगी. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. वित्त मंत्रालय ने इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच भी बनाया है.
पीएम गतिशक्ति योजना की घोषणा पिछले साल विभागीय ‘कोठरी’ को तोड़ने और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक समग्र और एकीकृत नियोजन को लाने के उद्देश्य से की गई थी. इसका मकसद बहु-मॉडल और अंतिम छोर तक संपर्क के मुद्दे को हल करना है. अधिकारी ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स की लागत नीचे आएगी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक प्रभावी और कुशल योजना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
एक एकीकृत बुनियादी ढांचा नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) का गठन भी किया गया है जिसमें संपर्क से जुड़े विभिन्न विभागों/मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. योजना और प्रस्तावों के एकीकरण के लिए एनपीजी में नेटवर्क योजना प्रभाग के प्रमुख शामिल हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच बनाया है. हमने संबंधित लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया है और अब हमारे पास वित्त मंत्रालय से यह अनिवार्य प्रावधान है. इसलिए अब सभी लॉजिस्टिक्स और संपर्क परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के आधार पर मंजूरी मिलेगी. 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं पर एनपीजी द्वारा विचार किया जाएगा.