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New Tax System: आज से लागू हो रही नई टैक्स व्यवस्था, जानिए क्या होगा आप पर असर

आज से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है. इस वित्त वर्ष में तमाम बदलाव हो रहे हैं. इन बदलावों का एलान केंद्र सरकार ने आम बजट 2023 में किया था.

Etv Bharat New tax system implemented from 1 April 2023
Etv Bharat आज से लागू हो रही नई टैक्स व्यवस्था

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Published : Apr 1, 2023, 6:30 AM IST

Updated : Apr 1, 2023, 6:52 AM IST

नई दिल्ली:नया वित्त वर्ष 2023-24 आज से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही कई ऐसे फैसले लागू होंगे, जिनसे आपकी जिंदगी प्रभावित होगी. आइए इन फैसलों के बारे में जानें.


नई कर व्यवस्था एक अप्रैल से प्रभाव में आएगी. नई कर व्यवस्था के तहत यदि किसी करदाता की वार्षिक आय सात लाख रुपये है, तो उसे कोई कर अदा नहीं करना होगा. हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी 50,000 रुपये की मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था यानी बिना कोई छूट वाली कर व्यवस्था को 'डिफॉल्ट' बनाने का प्रस्ताव किया है. इसका मतलब है कि अगर आपने आयकर रिटर्न में अपना विकल्प नहीं चुना है तो आप स्वत: नई कर व्यवस्था में चले जाएंगे. इसके अलावा तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्टी और शुल्क पर कर की दर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया जाएगा.

पांच लाख रुपये वार्षिक प्रीमियम से अधिक की पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा खत्म होगी. इसके तहत, एक अप्रैल, 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की परिपक्वता राशि पर कर लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से अधिक है.

महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना 'महिला सम्मान बचत पत्र' शुरू होगी. इसमें किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का एक बार में निवेश किया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा. साथ ही आंशिक निकासी का विकल्प भी मिलेगा.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी. वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये हो जाएगी.

एक अप्रैल से बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड में अल्पकालीन पूंजी लाभ कर लगेगा. अबतक निवेशकों को इस पर दीर्घकालीन कर लाभ मिलता था और इस कारण यह निवेश लोकप्रिय था.

फिलहाल, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक तीन साल के लिए पूंजी लाभ पर आयकर चुकाते हैं. तीन साल बाद ये कोष मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाकर 20 फीसदी या महंगाई के प्रभाव के साथ 10 फीसदी का भुगतान करते हैं.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एक अप्रैल से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक का 'अल्फान्यूमेरिक' एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान) अनिवार्य कर रहा है. सोने के आभूषणों पर छह अंक का एचयूआईडी निशान अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए जौहरियों के निकाय के साथ हाल ही में बैठक हुई थी.

एक अप्रैल से सख्त उत्सर्जन नियम लागू होने के बाद मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स जैसी वाहन कंपनियां अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने एक अप्रैल से नकद इक्विटी और वायदा एवं विकल्प खंड में लेनदेन शुल्क में छह प्रतिशत की वृद्धि को वापस लेने का फैसला किया है. अतिरिक्त शुल्क एक जनवरी, 2021 को प्रभावी हुआ था.

विकल्प अनुबंधों पर प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) 0.05 प्रतिशत से बढ़कर 0.0625 प्रतिशत और वायदा अनुबंधों में 0.01 प्रतिशत से बढ़कर 0.0125 प्रतिशत होगा.

विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाया जाएगा. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के दायरे में आएं.

देश के सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए एक संशोधित ऋण गारंटी योजना एक अप्रैल से लागू होगी. इसमें एक करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क अधिकतम दो प्रतिशत से घटकर 0.37 प्रतिशत किया जा रहा है. इससे छोटे कारोबारियों के लिए ऋण की कुल लागत में कमी होगी. गारंटी की सीमा को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है.

नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) भी एक अप्रैल से लागू होगी. इसका उद्देश्य देश के निर्यात को 2030 तक 2,000 अरब डॉलर तक पहुंचाना, भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाना और ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देना है. एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा पांच लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जा रही है.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Apr 1, 2023, 6:52 AM IST

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