नई दिल्ली : श्री सीमेंट को बुधवार को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के क्षेत्रीय निदेशक (एनडब्ल्यूआर) के कार्यालय से एक पत्र मिला, जिसमें कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 206 (5) के तहत निरीक्षण के आदेश के बारे में बताया गया है. कंपनी ने एक फाइलिंग में कहा, श्री सीमेंट निर्देशों का पालन करेगी. दरअसल जून में 'श्री सीमेंट' द्वारा 23,000 करोड़ रुपये की कर चोरी की खबरें आई थीं, जिसके बाद स्टॉक में 10 फीसदी की गिरावट आई थी. केंद्र सरकार प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए कंपनी अधिनियम की धारा 206(5) के तहत एकतरफा कार्रवाई कर सकती है. साथ ही सरकार खुद के नियुक्त अधिकारी से कंपनी के अकाउंट और कागजातों का निरीक्षण करने का निर्देश दे सकती है.
23 हजार करोड़ रुपये कर चोरी का आरोप
रिपोर्टों के अनुसार, जून में आयकर अधिकारियों ने पूरे राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर श्री सीमेंट समूह के परिसरों की तलाशी ली थी और कम से कम 23,000 करोड़ रुपये की कर धोखाधड़ी का संकेत देने वाले दस्तावेज जब्त किए थे. आयकर अधिकारियों ने कहा कि छापे में मिले दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि हर साल लगभग 1,200 से 1,400 करोड़ रुपये की कर चोरी की जाती थी. यह छापेमारी आयकर अधिकारियों द्वारा समूह द्वारा किए गए कर कटौती के दावों पर संदेह करने के बाद हुई.
श्री सीमेंट के 24 से अधिक स्थानों पर छापेमारी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि केंद्र और राज्य सरकारों को सरपंच, ग्राम पंचायत और संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा किए गए फर्जी समझौतों के माध्यम से नुकसान हुआ और आयकर विभाग के अधिकारियों ने जालसाजी से संबंधित समझौतों को भी जब्त कर लिया है. आयकर विभाग के जयपुर कार्यालय की एक टीम ने जयपुर, ब्यावर, उदयपुर, अजमेर और चित्तौड़गढ़ में श्री सीमेंट के 24 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी. इन छापों में 200 से अधिक आईटी अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल थे.