नई दिल्ली : 1 फरवरी को सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के लिए 756.19 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. यह राशि चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित राशि से अधिक है. बुधवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2023-24 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रारंभिक तौर पर कुल आवंटन 733.02 करोड़ रुपये था. बाद में इसे संशोधित कर 630.36 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
बजट दस्तावेजों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष के लिए 756.19 करोड़ रुपये के कुल आवंटन में से 714.19 करोड़ रुपये राजस्व से और 42 करोड़ रुपये पूंजी पक्ष से प्राप्त होंगे. आगामी वित्त वर्ष के लिए क्षेत्रीय निदेशकों, आधिकारिक परिसमापकों और कंपनी अधिनियम के तहत विभिन्न संस्थाओं से संबंधित अन्य खर्चों के लिए आवंटित राशि बढ़ाकर 330 करोड़ रुपये कर दी गई है. गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी), राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए), राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग अपीलीय प्राधिकरण (एनएफआरएए) और निवेशक शिक्षा तथा संरक्षण कोष (आईईपीएफ) प्राधिकरण समेत अन्य संस्थाओं के खर्च भी बजट में शामिल हैं.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को 51 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. जो 2022-23 के लिए आवंटित 46 करोड़ रुपये से अधिक हैं. बजट में भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को अगले वित्त वर्ष में 41.85 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं.