नई दिल्ली : हाल ही में 14.2 किलोग्राम घरेलू तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये तक पहुंच गई. लेकिन आंकड़ों से पता चला है कि सिलेंडर की कीमतों में पिछले चार वर्षों में लगभग 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
1 अप्रैल, 2019 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) 706.50 रुपये था, जो 2020 में बढ़कर 744 रुपये, 2021 में 809 रुपये और 2022 में 949.50 रुपये हो गया। इस साल 1 मार्च को कीमत 1053 रुपये से बढ़कर अब 1,103 रुपये हो गई.
जहां पिछले कुछ वर्षों में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में काफी वृद्धि दर्ज की गई, वहीं सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में एलपीजी पर कुल सब्सिडी में काफी कमी आई है. पिछले चार वर्षों में सरकार द्वारा दी गई एलपीजी पर सब्सिडी के विवरण से पता चलता है कि यह 2018-19 में 37,209 करोड़ रुपये थी और 2019-20 में घटकर 24,172 करोड़ रुपये, 2020-21 में 11,896 करोड़ रुपये और 2021-22 में 1,811 करोड़ रुपये रह गयी.
पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश में एलपीजी सहित पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में संबंधित उत्पादों की कीमत से जुड़ी हैं. सऊदी सीपी की औसत कीमतें, जिन पर घरेलू एलपीजी की कीमतें आधारित हैं, 2019-20 से 2021-22 के दौरान 454 अमेरिकी डॉलर/एमटी से बढ़कर 693 अमेरिकी डॉलर/एमटी हो गई.
मंत्रालय ने हाल ही में संसद में एक जवाब में कहा, 2022-23 के दौरान औसत सऊदी सीपी फरवरी 2023 तक यूएस डॉलर 710/एमटी तक बढ़ गया है. हालांकि, सरकार घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत को संशोधित करना जारी रखती है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भारी नुकसान हुआ है.