नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने 17 मई 2022 को देश का सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया था. जिसे इस साल 17 मई 2023 को लिस्ट हुए एक साल पूरा हो गया. एलआईसी ने 949 रुपये में अपने शेयरों को इश्यू किया था. लेकिन इनकी लिस्टिंग 9 फीसदी गिरावट के साथ 867.20 रुपये पर हुई थी. अब एक साल बाद इसमें पैसा लगाने वाले निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है. इंवेस्टर्स के 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे डूब चुके हैं.
इंवेस्टर्स को हुआ लाखों- करोड़ों का नुकसान
भारतीय इतिहास के सबसे बड़े आईपीओ में बेहतर मुनाफा कमाने के लिए छोटे और बड़े निवेशकों ने अपनी पूंजी लगाई. जिस भाव पर उन्होंने निवेश किया था, मुनाफा तो छोड़िए उनकी खरीद भी नहीं निकल पाई. नुकसान से बचने के लिए कुछ निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचकर निकल गए, जबकि कुछ निवेशकों ने बेहतर भाव की आस में अपना निवेश बनाएं रखा. अब उन निवेशकों को एलआईसी आईपीओ लिस्टिंग के एक साल बाद जबरदस्त नुकसान हुआ है. एलआईसी के शेयर 40 फीसदी डाउन पर कारोबार कर रहे हैं. जिसके चलते इंवेस्टर्स को 2.40 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.
एलआईसी आईपीओ का प्राइस गिरने का असर इसके मार्केट कैप पर भी पड़ा है. LIC Market Capitalization घटकर 3.61 लाख करोड़ रुपये रह गया है. वहीं, अगर बात करें कंपनी के 52 सप्ताह के हाई शेयर प्राइस और लो लेवल कि तो कंपनी का शेयर 918 रुपये के उच्चस्तर पर पहुंचा था और 530.50 रुपये एलआईसी शेयर का लो लेवल रहा था. आज स्टॉक मार्केट में कंपनी का शेयर 571 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.