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Mutual Fund Investment : म्यूचुअल फंड में निवेश करने के पहले इन बातों को जान लें - सही म्यूचुअल फंड कैसे पहचानें

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सुनने में तो शेयर बाजार जैसा ही लगता है. लेकिन यह शेयर मार्केट से अलग होता है. म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट करने के पहले इन बातों को जरूर जान लें. पढ़ें पूरी खबर में...(Mutual Fund, Investment, Fund, Share Market)

Mutual Fund Investment
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 10:55 AM IST

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) नाम तो जरूर सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी इसमें इन्वेस्ट किया है या इन्वेस्ट करने का सोच रहे है. अगर नहीं किया और करने का सोच रहे है तो पहले म्यूचुअल फंड को अच्छे से जान और समझ ले. म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप एक टाइम पीरियड के बाद उससे एक शानदार रिटर्न कमा सकते है.

आमतौर पर हमें बचत करने के तरीके या फाइनेंशियल एजुकेशन (Financial Education) नहीं होती, जिसके वजह से कमाई कर के भी बचा नहीं पाते है. हमें कमाई और खर्च दोनों के बारे में पता होना चाहिए. यही कारण है कि एक आम इंसान कमाने के बावजूद बचत में पीछे रह जाता है. लेकिन आज हम आपको म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से जुड़ी सभी जानकारी आपको साझा करेंगे. म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड होता है जिसमें किसी एसेट मैनेजमेंट ऑपरेटर या फंड प्रबंधक द्वारा मैनेज किया जाता है.

इसमें निवेशक को ज्यादा काम नहीं करना पड़ता है क्योंकि इन कंपनियों में की लोग अपने पैसे निवेश करते है. जिसका यूज बॉन्ड, शेयर आदि में किया जाता है.
लोग आमतौर पर म्यूचुअल फंड को शेयर बाजार ही समझ लेते है,जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है. शेयर बाजार के तुलना में यहां नुकसान होने का चांस बहुत कम होता है.

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को चुनने से पहले इन बातों को जान ले, जो आपको मदद करने वाला है,

  • प्रोसेस फ्रेमवर्क- लंबे टाइम तक सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी एक मजबूत प्रोसेस होना. कभी भी किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने के पहले उसके काम करने के प्रोसेस को जान ले, जो आपको प्रॉफिट की ओर ले जाएगा.
  • जोखिम को मैनेज करना-शेयर मार्केट (Share Market) जोखिम भरा होता है. यहां प्रॉफिट तो अच्छा खासा होता है लेकिन डूबने का डर भी बना रहता है. म्यूचुअल फंड को चुनते टाइम यह देखना जरूरी होता है कि उसका फंड हाउस रिस्क को कैसे मैनेज करता है. यह एक जरुरी पैरामीटर है.
  • स्थिर रिटर्न पर फोकस-इंवेस्टर को कभी भी बहुत अधिक रिटर्न का लालच में नहीं पड़ना चाहिए. उसके बजाए निवेशकों को टिकाऊ और स्थिर रिटर्न पर फोकस करना चाहिए. ज्यादा रिटर्न के लालच में अपनी सेविंग्स को गवाने का भी खतरा बना रहता है. वहीं, अगर आप स्थिर रिटर्न पर फोकस करते है तो आप वेल्थ क्रिएट कर सकते है.

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