नई दिल्ली :देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट 2023 पेश करेंगी. ऐसे में अर्थ जगत में चर्चाएं बजट की ही हैं. अखबारों के पन्नें, सोशल मीडिया के ट्रेंड सभी बजट की ही बातें कर रहे हैं. कैसा होगा इस बार का आम बजट, क्या कुछ होगा आम जनता के लिए खास. इस बार का बजट आने वाले 25 सालों के भारत को अर्थीक मजबूती देगा. 25 साल इसलिए क्योंकि तब आजाद भारत 100 साल का हो जाएगा. आज हम बात करेंगे कैसे तैयार होता है केंद्रीय बजट, बजट तैयार करने की जरूरत क्यों पड़ती है, वित्त मंत्रालय कब से और कैसे बजट तैयार करने की कवायद शुरू करता है.
क्या होता है बजट
बजट सरकार का वार्षिक बहीखाता होता है. सरकार को कहां कितना पैसा खर्च करना है, पैसे कहां से आएंगे, इसका लेखा जोखा होता है. अगर बजट नहीं होगा तो सरकार के मिनिस्ट्री को पता नहीं होगा कि वह कितना खर्च कर सकती है. साथ ही अगर सरकार को यह पता ना हो कि कहां- कहां से आय आएगा, ऐसे में देश चलाने की प्रक्रिया बहुत ही मुशिकल हो जाएगी. इस तरह बजट एक साल का अनुमान है कि सरकार की क्या आय है और क्या खर्चे हैं.
बजट की तैयारी और जरुरत
वित्त मंत्रालय द्वारा बजट की तैयारी 6 महीन पहले से ही शुरू कर दी जाती है. अगस्त- सितंबर माह में ही वित्त मंत्रालय सभी राज्यों को चिठियां भेजता है. जिसमें उन्हें आदेश दिया जाता है कि आप अपने आमदनी की हिसाब बनाईए. सबसे पहले खर्चें का हिसाब लगाया जाता है, फिर आमदनी जुटाई जाती है. इस तरह आय- व्यय में बैलेंस बनाया जाता है. इसके साथ ही सकार या वित्त मंत्री देश के इकोनॉमी ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए, employment जेनरट करने के लिए, आगे GDP ग्रोथ देने के लिए, इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए इत्यादि कामों के लिए बहुत सारी स्कीम और प्रोजेक्ट लेकर आती हैं. जिसके मध्यम से अगले साल की अर्थव्यवस्था को दिशा दिया जाता है. लेकिन कई बार सरकार को फिस्कल डेफिसिट (राजकोषिय घाटा) भी उठाना पड़ता है.