हैदराबाद : हाल ही में आरबीआई द्वारा 0.25 फीसदी रेपो रेट बढ़ाया गया है. जिस कारण से होम लोन या फिर अन्य किसी तरह के लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ता जा रहा है. बढ़ते इंटरेस्ट रेट के कारण होम लोन बोझ सा बनता जा रहा है. इसलिए, लोन के समय पर या मासिक किश्तों में वृद्धि लोन लेने वालो के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है. ऐसे में इस कर्ज को जल्दी चुकाने के लिए क्या किया जाए. बढ़े हुए कर्ज के बोझ को कम करने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-
रेपो रेट का असर :हालिया समय में 2.5 प्रतिशत रेपो रेट की वृद्धि के बाद, यह पिछले साल मई में 4.0 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है. इस हिसाब से, पिछले साल आपने जो रेपो आधारित होम लोन 6.5 फीसदी पर लिया था, वह अब 9.0 फीसदी पर पहुंच गया है. अगर बढ़े हुए ब्याज के साथ गणना की जाती है, तो 20 साल के समय के लिए लिया गया आपका होम लोन 30 साल से अधिक समय तक चल सकता है. आपकी ईएमआई भी बढ़ सकती है. इसलिए, इस तरह के बढ़े हुए कर्ज के बोझ को कम करने के लिए एडवांस पेमेंट किया जा सकता है.
बढ़ी हुई ईएमआई :जैसे-जैसे आपकी सालाना इनकम बढ़ती है, अपने होम लोन की इंस्टॉलमेंट अमाउंट को हर साल 5-10 फीसदी तक बढ़ाने की कोशिश करें. ऐसा करने से आपकी लोन की समयावधि कुछ सालों में कम हो जाएगी. ईएमआई वृद्धि को बढ़ती ब्याज दरों का मुकाबला करने का एक तरीका कहा जा सकता है. आम तौर पर, लोन के प्रिंसिपल अमाउंट को आंशिक रूप से चुकाने के लिए कम से कम एक ईएमआई की जरुरत होती है. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपकी ईएमआई 50,000 रुपये है. फिर कम से कम पेमेंट की राशि भी वही होगी.
कुछ लेंडर (कर्जदाता) ईएमआई की दोगुनी राशि की मांग कर सकते हैं. यानी 1,00,000 रुपये का आंशिक भुगतान. यह भुगतान हमेशा संभव नहीं हो सकता है. इसलिए, अगर आप ईएमआई बढ़ाते हैं, तो यह हर महीने एडवांस पेमेंट के रूप में काम करने लगती है. उदाहरण के लिए, आपकी ईएमआई 25,000 रुपये है. अगर आप 30,000 रुपये का पेमेंट करते हैं, तो लोन जल्दी से निपट जाएगा. इसका परिणाम ये होगा कि इंटरेस्ट का बोझ काफी कम हो सकता है.
प्रिंसिपल अमाउंट :जिन लोगों को इंस्टॉलमेंट बढ़ाना मुश्किल लगता है, वे हर साल प्रिंसिपल अमाउंट का 5 प्रतिशत भुगतान करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसा करने से 20 साल का लोन 12 साल में चुकाया जा सकता है. अगर आपकी आर्थिक स्थिति और अच्छी है तो आप इससे ज्यादा का पेमेंट भी कर सकते हैं. फिर लोन राशि का 66 फीसदी ईएमआई के माध्यम से और शेष पूर्व भुगतान के माध्यम से निपटाया जा सकता है. लिए गए कर्ज के 5 फीसदी के बजाय शेष मूलधन का 5 फीसदी भुगतान करने से भविष्य का बोझ कम होगा. यह आपको भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों के लिए अधिक बचत करने में सक्षम बनाएगा.
प्रीपेमेंट :अन्य लोन की तुलना में होम लोन का इंटरेस्ट रेट कम होता है. इसलिए, इसे चुकाने के लिए सब कुछ एक रणनीति के अनुसार किया जाना चाहिए. अगर टैक्स कटौती को ध्यान में रखा जाए तो शुद्ध इंटरेस्ट 7 फीसदी तक होगा. बाजार में लंबी अवधि के निवेश से 10 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. रेपो रेट बढ़ने पर प्रीपेमेंट आपके लोन पर शुरुआती ब्याज के बोझ को कम करने में मदद कर सकता है. जैसे-जैसे कार्यकाल बढ़ता है, प्रीपेमेंट की जरुरत कम हो जाती है. फिर आप उन योजनाओं में निवेश कर सकते हैं जो अधिक रिटर्न देती हैं. इस तरह लोन जल्दी चुकाया जा सकता है और धन भी कमाया जा सकता है.
लोन का समयकाल कम करें :मुख्य बात यह ध्यान में रखना है कि आप कितने साल के लिए लोन चुकाना चाहते हैं. उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप 20 साल की अवधि के लिए कर्ज लेते हैं और 10 साल में इसे चुकाते हैं. लेकिन, मान लीजिए कि इंटरेस्ट रेट बढ़ने के कारण आपका कार्यकाल 25 साल हो जाता है. ऐसे में ईएमआई को कम से कम 10 फीसदी बढ़ाने की जरूरत है. पूर्व भुगतान करके, सुनिश्चित करें कि कार्यकाल बढ़ाया नहीं गया है. इससे आपके कर्ज का बोझ कम होगा.
अपने बैंक या वित्तीय संस्थान होम लोन की डिटेल लें. इंटरेस्ट रेट क्या है? पता लगाएं कि कितनी ईएमआई चुकाई जा चुकी है और कितने साल बाकी है. ये सारी बातें आपको भविष्य के लिए कलेयरिटी देंगी कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
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