हैदराबाद:भारत में निवेश करने के लिए कई ऑप्शन मौजूद हैं, जिनमें से एक है बॉन्ड. सरकार और कॉरपोरेट कंपनियां अपनी नकदी जरूरतों के लिए पैसे उधार लेने के लिए बॉन्ड जारी करती है. Bonds में निवेश करने का मतलब है जारीकर्ता को एक निश्चित अवधि के लिए कर्ज देना. इसके बदले में बॉन्ड जारीकर्ता मूल राशि पर ब्याज का भुगतान करता है. इस तरह Bonds में निवेश करने वालों को एक निश्चित राशि प्राप्त होने का साधन मिल जाता है. कुछ बॉन्ड मंथली इंटरेस्ट देते हैं, जबकि कुछ हर तीन से छह महीने या सालाना ब्याज देते हैं.
इसे उदाहरण से समझें- मान लीजिए कि आप 12 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर 10 साल के लिए 1,00,000 रुपये के बॉन्ड में निवेश करते हैं. तो आप 1000 रुपये प्रति माह की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. बॉन्ड उन लोगों के लिए निवेश का एक बेहतर आप्शन है, जिन्हें स्थिर नकदी प्रवाह या दीर्घकालिक ब्याज जमा की आवश्यकता होती है.
बॉन्ड की खासियत
- बॉन्ड में इंटरेस्ट रेट मिलने की गारंटी होती है.
- निवेशक अन्य निवेशों की तुलना में अपने रिटर्न का सटीक अनुमान लगा सकते हैं.
- शेयरों की तुलना में बॉन्ड में अनिश्चितता कम होती है.
- जब बाजार गिर रहा हो तो पूंजी को ज्यादा नुकसान नहीं होता है.
- बॉन्ड का एक फिक्सड टैन्योर पीरियड होता है. इसलिए निवेशक अपनी पसंद की अवधि वाला बॉन्ड चुन सकते हैं.
- वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि आपको कितने समय के लिए बॉन्ड में निवेश करना है.
बॉन्ड FD से बेहतर कैसे?
- ज्यादातर लोगों का मानना है कि फिक्सड डिपॉजिट में रिटर्न की गारंटी होती है. इसलिए इसकी जगह किसी दूसरे निवेश आप्शन के बारे में नहीं सोचते, लेकिन आप बॉन्ड को इसके ऑल्टरनेट के रुप में देख सकते हैं.
- बॉन्ड FD की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है. आप अपने इंवेस्टमेंट प्लान के अनुसार इसकी मैच्योरिटी पीरियड चुन सकते हैं. साथ ही बॉन्ड मंथली इनकम बनाने का भी मौका देता है.
- निवेशकों को जब नकदी की जरुरत होती है, तो वह बॉन्ड के जरिए आसानी से अपने पोर्टफोलियो को समायोजित कर सकते हैं. साथ ही बॉन्ड का एक्सचेंजों पर आसानी से कारोबार किया जा सकता है.
- बांड की कोई निश्चित लॉक-इन अवधि नहीं होती है. बाजार की स्थितियों के आधार पर निवेशक इन्हें बेच सकते हैं. निकासी के लिए कोई बकाया शुल्क नहीं देना पड़ता है. वहीं, फिक्सड डिपॉजिट से पैसे जल्दी निकालने पर जुर्माना भरना पड़ता है.
बॉन्ड की लिमिट्स है और उसके नुकसान