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Gold ETFs : गोल्ड ईटीएफ में निवेश दिलाएगा सोना से ज्यादा फायदा, जानें कैसे

लाइफ के अलग-अलग पड़ाव में खास अवसरों पर हम सोना खरीदते हैं. क्यों न ऐसी खरीदारी को निवेश में बदला जाएं ? गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में इंवेस्ट करके. आइए जानते हैं Gold ETF सोना से कैसे अलग है और इसमें इंवेस्ट करने के फायदे क्या हैं.

Gold ETFs
गोल्ड ईटीएफ

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Published : Feb 15, 2023, 10:30 AM IST

Updated : Feb 15, 2023, 10:36 AM IST

हैदराबाद: हम त्योहारों और खास मौकों पर कुछ सोना खरीदने की सोचते हैं. थोड़ी सी सोच के साथ सोने के आभूषणों की ऐसी खरीदारी को निवेश में बदला जा सकता है. पूरी दुनिया में, इसे एक विश्वसनीय और महंगाई में मददगार टूल के रूप में देखा जाता है. जैसा कि हाल के दिनों में इसकी कीमत बढ़ भी रही है, ऐसे में बहुत से लोग सोना में काफी पैसा निवेश कर रहे हैं. आइए देखें कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (गोल्ड ईटीएफ) से कैसे लाभ उठाया जा सकता है.

इंवेस्टमेंट का अच्छा ऑप्शन Gold ETF : जब स्मार्ट निवेश की बात आती है तो सोना हमेशा एक अच्छा विकल्प नजर आता है. कई लोग सीधे सोना खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि इसे जीवन में खास अवसरों के लिए अनिवार्य माना जाता है. कुछ अनुमानों के मुताबिक, देश में 27,000 टन सोना है. वर्तमान में, निवेश साधनों के तेजी से बदलते फाइनेंसशियलाइजेशन को ध्यान में रखते हुए निवेशकों की सोच में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है.

गोल्ड ईटीएफ का इलेक्ट्रॉनिक फार्म : आप न केवल गहनों और सिक्कों पर, बल्कि गोल्ड ईटीएफ पर भी निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ से जुड़े स्कीम म्युचुअल फंड कंपनियां मैनेज करती हैं. यहां एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट की कीमत एक ग्राम सोने या एक निश्चित राशि के अनुरूप समायोजित की जाती है. इसके साथ ही इसे इसके इलेक्ट्रॉनिक फार्म में भी खरीदा और बेचना जा सकता है. जो इसके मैनेजमेंट को आसान बनाता है.

गोल्ड ईटीएएफ इंवेस्टमेंट का एक अच्छा ऑप्शन

गोल्ड ईटीएफ सुरक्षित : जब सीधे सोना खरीदते है तो कभी-कभी सोने की शुद्धता को लेकर डाउट होता है. एक गोल्ड ईटीएफ 99% या उससे अधिक की शुद्धता वाली प्रत्येक इकाई के साथ सोने की कीमत का समर्थन करता है. इसलिए सोने की शुद्धता को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. लेकिन सोना खरीदते समय स्टोरेज एक बड़ी समस्या है. लॉकर जैसा कुछ चुनना आपके खर्च को बढ़ा सकता है. इसके अलावा मेकिंग चार्ज और डेप्रिसिएशन जैसी चीजें भी आपके खर्च को बढ़ा सकती हैं. इसलिए Gold ETF में यही फायदा है कि इनमें सोना की तुलना में कम समस्याएं हैं. चूंकि गोल्ड ईटीएफ डीमैट रूप में होता है, इसलिए सुरक्षा के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

ईटीएफ को स्टॉक मार्केट में खरीदा और बेचा जा सकता: गोल्ड ईटीएफ खरीदना आसान है. स्टॉक एक्सचेंजों के कामकाजी घंटों के दौरान किसी भी समय ईटीएफ को खरीदा और बेचा जा सकता है. SIP के जरिए आप इसमें एक बार में बड़ी रकम निवेश किए बिना हर महीने स्टेप बाय स्टेप निवेश कर सकते हैं. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे गोल्ड फंड चुन सकते हैं और Open SIP अकाउंट खोल सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ का फायदा : गोल्ड ईटीएफ का एक फायदा इसका ट्रांसपेरेंसी होना भी है. सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सोने की यूनिट उस कीमत को दर्शाती हैं. खरीदने और बेचने में कीमत आसानी से जानी जा सकती है. मालूम हो कि जब आप सोना बेचना चाहते हैं तो कीमत में अंतर होता है. गोल्ड ईटीएफ को तीन साल से अधिक समय तक रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. लाभ पर 20 प्रतिशत का कर देय है, जिसे महंगाई के लिए समायोजित किया गया है. अगर बिक्री तीन साल से कम है तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन का फायदा मिलता है. जो लोग सोने को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं, वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं. इसे आर्थिक मंदी के मद्देनजर एक भरोसेमंद एसेट के रूप में देखा जा सकता है.

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Last Updated : Feb 15, 2023, 10:36 AM IST

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