नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को पांचवी बार लोकसभा में भारत का केंद्रीय बजट पेश करेंगी. ये बजट पूरे साल भर के लिए देश के अलग-अलग विभागों के खर्चे के लिए बनता है. देश भर के लोगों को इस बजट का इंतजार रहता है. भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ, केंद्रीय बजट दुनिया भर के आर्थिक नीति पर्यवेक्षकों के बीच प्रमुखता से उभरा है. बजट से जुड़ी परंपराओं, प्रथाओं और कुछ बड़े बदलाव और मील के पत्थर के बारे में देखेंगे.
1. भारत का पहला बजट :भारत का सबसे पहला बजट 7 अप्रैल,1860 को पेश किया गया था. उस समय भारत अंग्रेजों के चुगंल से आजाद भी नहीं हुआ था. लेकिन बात करें आजाद भारत के पहले बजट की तो वो 26 नवम्बर 1947 को पेश किया गया था. उस समय वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी थे. उस बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी ऑब्जर्वेशन था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं किया गया था.
2. सबसे अधिक बजट पेश करने वाले मंत्री : क्या आपको पता है कि एक वित्त मंत्री के रुप में बजट को बार बार पेश करने का मौका किसे मिला है. अगर नहीं तो हम बताते हैं. अबतक पूर्व वित्त मंत्री मोराजी देसाई ने ये रिकार्ड अपने नाम रखा है. उन्होंने सबसे अधिक10 बार केंद्रीय बजट पेश किया है. इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 9 बार, पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आठ-आठ बार आम बजट पेश किया है. वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री रहते हुए कुल 6 बार बजट पेश करने का मौका मिला. बात करें वर्तमान एफएम निर्मला सीतारमण की तो इस बार वह अपना पांचवा बजट पेश करेंगी.
3. केंद्रीय बजट का आइडिया किसका :1 फरवरी को बजट पेश होता है. ये हमलोग में से ज्यादातर लोग जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बजट का अवधारणा या आइडिया किस व्यक्ति का है. शायद आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे. प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट अवधारणा को डिजाइन करने वाले व्यक्ति थे. वह एक भारतीय वैज्ञानिक और एक सांख्यिकीविद् थे. जो भारत के योजना आयोग के मुख्य सदस्यों में से एक थे. भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक माने जाने वाले पीसी महालनोबिस स्वतंत्र भारत के बजट को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
4. केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधान मंत्री: केंद्रीय बजट आमतौर पर वित्त मंत्री प्रस्तुत करते हैं. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू वित्त वर्ष 1958-1959 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले पीएम थे. जवाहरलाल नेहरू के अलावा, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी एकमात्र प्रधान मंत्री थे जिन्होंने अपने संबंधित प्रशासन के दौरान बजट पेश किया था.
5. केंद्रीय बजट पेश नहीं करने वाले मंत्री:केसी नियोगी और एचएन बहुगुणा ही ऐसे दो वित्त मंत्री रहे हैं, जिन्होंने भारत का केंद्रीय बजट पेश नहीं किया. ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्होंने दो बजट दिनों के बीच इतने कम समय के लिए पद संभाला था कि उनके पास बजट पेश करने का कोई अवसर नहीं मिला. नियोगी जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे. उन्होंने केवल 35 दिनों के लिए कार्यालय संभाला था.