वाशिंगटन (यूएस) : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की टैक्स एजेंसियों की काफी तारीफ की है. आईएमएफ ने कहा कि एजेंसियों ने भारत में आधार और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के कामकाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आईएमएफ ने भारत की आर्थिक प्रगति में पैन कार्ड और आधार कार्ड की भूमिका की भी सरहाना भी की है. उन्होंने कहा कि सभी कर उद्देश्यों के लिए पैन को अनिवार्य करना एक महत्वपूर्ण कदम था.
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आईएमएफ ने कहा कि इससे एक बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ. आईएमएफ ने कहा कि एक समय में भारत ने लगभग चार करोड़ पैन नंबर जारी किये थे. आईएमएफ की एक आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया कि इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण काम पैन को आधार से जोड़ा गया. अपने आतंरिक दस्तावेज 'स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स लेसन्स फ्रॉम इंडियाज डिजिटल जर्नी' में कहा गया है कि पैन कार्ड के अनुभव ने आधार को लागू करने में काफी मदद की.
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वित्तीय धोखाधड़ी को कम करने के लिए बायोमेट्रिक्स के उपयोग ने इसे ज्यादा सुरक्षित बना दिया. दस्तावेद में कहा गया कि वित्त वर्ष 2003-04 के दौरान भारत ने पैन कार्ड को पीपीपी मॉडल के तहत आउटसोर्सिंग पर दे दिया. जिससे पैन नंबर धारकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई. आईएमएप ने कहा कि पैन को आधार से लिंक करने की चल रही पहल को मार्च 2023 तक पूरा करने की योजना है. इस समय तक आधार से लिंक नहीं होने वाले पैन निष्क्रिय हो जाएंगे.
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आईएमएफ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि आधार को व्यापक रूप से अपनाने से कर प्रशासन में जोखिम का विश्लेषण में काफी सुधार होने की संभावना है. आईएमएफ ने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटी) ने भी कर संग्रह क्षमता को मजबूत करने में मदद की है और साथ ही नवाचार के लिए एक मंच प्रदान किया है.
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(एएनआई)