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भारत का ऐसा व्यक्ति जो हर दिन ₹5.6 करोड़ करता है दान, जानें कौन है यह शख्स

भारत के एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हर दिन 5.6 करोड़ रुपये दान में देते हैं. जिन्होंने रतन टाटा, मुकेश अंबानी, अडाणी, प्रेमजी को पीछे छोड़ दिया है. जानिए भारत के सबसे उदार व्यक्ति को. पढ़ें पूरी खबर...(Ratan Tata, Mukesh Ambani, Adani, Premji, annual, EdelGive Hurun India Philanthropy List 2023, HCL co-founder Shiv Nadar, India’s wealthiest people, Ratan Tata)

India's most generous man
एचसीएल के सह-संस्थापक शिव नादर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 12:18 PM IST

नई दिल्ली:एडेलगिव हुरुन इंडिया परोपकार सूची 2023 की लिस्ट जारी हो गई है. इस लिस्ट से परोपकारी व्यक्तियों के बारे में पता चलता है. जिन्होंने साल भर में सबसे ज्यादा योगदान दिया हो. इस साल की जारी लिस्ट में भारत के सबसे धनी लोगों में से एक एचसीएल के सह-संस्थापक शिव नादर ने भारत के सबसे उदार व्यक्ति के रूप में अपना पहला स्थान बरकरार रखा है. शिव नादर 29.2 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ एक सेल्फ मेड अरबपति हैं. उन्होंने FY23 में 2,042 करोड़ रुपये का दान दिया है, जो हर दिन लगभग 5.6 करोड़ रुपये है.

एचसीएल के सह-संस्थापक शिव नादर

लिस्ट में शिव नादर के पीछे ये लोग
वहीं, विप्रो के संस्थापक-अध्यक्ष अजीम प्रेमजी शिव नादर से पीछे हैं, जिन्होंने 1,774 करोड़ रुपये का दान दिया. इस लिस्ट में 376 करोड़ रुपये के सलाना दान के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति, मुकेश अंबानी तीसरे स्थान पर हैं. वहीं, भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी 5वें स्थान पर हैं. उन्होंने 285 करोड़ रुपये का दान दिया, जो पिछले साल से 50 फीसदी ज्यादा है. इस लिस्ट में टॉप 10 के सुची में इस साल रतन टाटा परोपकारियों शामिल नहीं हैं.

एचसीएल के सह-संस्थापक शिव नादर

शिव नादर के बारे में
बता दें कि शिव नादर का जन्म 1945 में तमिलनाडु के मूलाइपोझी में हुआ था. उनका पालन-पोषण मध्यमवर्गीय था. उन्होंने कोयंबटूर के प्रतिष्ठित पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने 1967 में पुणे में कूपर इंजीनियरिंग लिमिटेड के लिए काम करना शुरू किया. साल 1970 में उन्होंने एचसीएल टेक्नोलॉजीज की स्थापना की. इसकी शुरुआत सिंगापुर की एक कंपनी को सेवा देने वाली हार्डवेयर कंपनी के रूप में हुई.

1980 के दशक की शुरुआत में जब उनकी कंपनी की आय 1 मिलियन रुपये तक पहुंच गई, तो उन्हें पहली सफलता का अनुभव हुआ. निगम ने नाडार के निर्देशन में 1991 में तीन प्रमुख आर्थिक परिवर्तनों के बाद भारतीय आईटी उछाल का लाभ उठाया. उनकी पत्नी का नाम किरण नादर है, जो एक भारतीय कला संग्रहकारक और एक परोपकारी भी हैं. वह शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी और किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट की संस्थापक हैं. शिव नादर का परिवार उनके नाम पर एक धर्मार्थ फाउंडेशन चलाता है, शिव नादर फाउंडेशन. फाउंडेशन मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है.

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