मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों (domestic stock exchanges) में पिछले चार दिन से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 224 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. उच्च मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ाए जाने को लेकर चिंता के बीच आईटी और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया.
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स में 1,200 अंक से अधिक का उतार-चढ़ाव आया. अंत में यह 224.11 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (NSE Nifty) भी 66.30 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,003.75 अंक पर बंद हुआ.
अमेरिका में अगस्त महीने में उम्मीद से अधिक महंगाई दर के साथ यह चिंता है कि फेडरल रिजर्व (केंद्रीय बैंक) आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ा सकता है. इससे दुनिया के विभिन्न बाजारों में गिरावट रही. अमेरिका में अगस्त में मुद्रास्फीति 8.3 प्रतिशत रही जबकि अर्थशास्त्री 8.1 प्रतिशत की उम्मीद कर रहे थे.
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स बुधवार को 1,150 अंक तक नीचे चला गया था जबकि निफ्टी 17,771.15 अंक तक आ गया था. बैंक शेयरों में तेजी से बाजार को शुरुआती गिरावट से उबरने में मदद मिली लेकिन आईटी, ऊर्जा और दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से लाभ पर अंकुश लगा. सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस सबसे ज्यादा 4.53 प्रतिशत नीचे आया. इसके अलावा टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, एलएंडटी, विप्रो और रिलायंस प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी तरफ इंडसइंड बैंक, पावरग्रिड, एनटीपीसी, एसबीआई, कोटक बैंक और एचडीएफसी बैंक तथा एचडीएफसी लि. लाभ में रहे.
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विनिर्मित वस्तुओं के सस्ता होने से घरेलू स्तर पर थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने अगस्त में नरम पड़कर 12.41 प्रतिशत रही. हालांकि, अगस्त लगातार 17वां महीना है जब थोक महंगाई दर दहाई अंक में बनी हुई है. वैश्विक बाजारों में एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग तथा चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में नुकसान का रुख था. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,956.98 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
(पीटीआई-भाषा)