नई दिल्ली :भारतीय पेट्रोलियम कंपनियां रूस में फंसे 60 करोड़ डॉलर के अपने लाभांश से उस देश (रूस) से ही कच्चा तेल खरीदने की संभावनाएं तलाश रही हैं. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
भारत की टॉप चार पेट्रोलियम कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक इकाई, ऑयल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) रूसी तेल और गैस क्षेत्रों में अपने निवेश से अर्जित लाभांश आय को नहीं ला सकी हैं. वह पैसा रूस में उनके बैंक खातों में पड़ा हुआ है, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के कारण इस राशि को भारत नहीं लाया जा सका है.
भारत के लिए रूस इस समय कच्चे तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है. भारत की कच्चे तेल की कुल खरीद में रूस की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत से अधिक है. अधिकारियों ने कहा कि एक ऑप्शन यह है कि रूसी बैंकों के खातों में पड़े पैसे को कच्चा तेल खरीदने वाली कंपनियों को कर्ज के रूप में दिया जा सकता है. ये इकाइयां भारत में लोन चुका सकती हैं.