नई दिल्ली:दुनियाभर में बासमती चावल क्वालिटी के वजह से हमेशा ही डिमांड में रहती है. बाजार में मंदी के बाद से ही कई चीजों के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. खाद्य महंगा होने का सीधा असर घरेलू चीजों पर पड़ रहा है. उनमें से एक है बासमती चावल, जिसके भाव लगातार बढ़ते दिख रहे हैं. बासमती चावल के भाव बढ़ने के वजह से बहुत सारे देशों ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है या शुल्क अधिक कर दिए है. ताकि उनके देश में बासमती चावल की कीमत में स्थिरता बनी रहे.
Export of Basmati rice: बासमती चावल के निर्यात पर कटौती करेगा भारत, कई देशों ने बढ़ते भाव को लेकर रोक लगाई - वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
बासमती चावल के भाव लगातार बढ़ते जा रहे है, जिसकी वजह से बहुत सारे देशों ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है या शुल्क अधिक कर दिए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है जिससे उनके देश में बासमती चावल की कीमतों में स्थिरता बनी रही. अब भारत भी बासमती चावल के निर्यात पर कटौती कर सकता है.
Published : Sep 26, 2023, 12:18 PM IST
भारत ने चावल के निर्यात पर कटौती शुरू की
अब खबर आ रही है कि भारत भी बासमती चावल के निर्यात पर कटौती कर सकता है. क्रेंद सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमीटेड (NCEL) के मदद से संयुक्त अरब अमीरात को गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर मंजूरी दे दी है. सरकार ने 75,000 टन चावल के निर्यात की अनुमति दी है. इसकी जानकारी विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना जारी कर के दी है. पाकिस्तान में बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राईस 1,050 डॉलर प्रति टन कर दिया है.
ऐसे में भारत ने भी बासमती चावल का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 200 से 300 डॉलर, 1200 डॉलर प्रति टन से कम कर सकता है. इससे ग्लोबल स्तर पर बासमती चावल की कीमतों में कमी आ सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बासमती निर्यात के साथ एक मीटिंग की थी, जहां मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस को घटाकर 850 रुपये डॉलर प्रति करने पर जोर दिया है. वहीं माना जा रहा है कि ऑल इंडिया राइस एसोसिएशन ने बताया है कि मंत्रालय बुधवार या गुरुवार को इस पर आदेश जारी कर सकता है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है जो 2022 से 2023 के बीच वैश्विक निर्यात में 40 फीसदी का योगदान किया है. वहीं, गैर-बासमती चावल का कुल निर्यात 42 लाख डॉलर का हुआ था.