नई दिल्ली: केंद्र ने मंगलवार को कहा कि इथेनॉल उत्पादन और पोल्ट्री उद्योग के लिए अनाज की बढ़ती मांग के बीच देश के मक्का उत्पादन को अगले पांच वर्षों में बढ़ाकर 44-45 मिलियन टन करने की जरूरत है. केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने यहां उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित 9वें भारत मक्का शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यवस्थित तरीके से मक्का की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में नुकसान को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
मनोज आहूजा ने कहा कि वर्तमान में देश में मक्का का उत्पादन 33-34 मिलियन टन की सीमा में है. इथेनॉल और पोल्ट्री उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमें अगले पांच वर्षों में मक्का में 44-45 मिलियन टन की मात्रा में वृद्धि की आवश्यकता है. मक्के की मूल्य श्रृंखला में दोहन की व्यापक संभावना है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच बेहतर बीज उपलब्धता, भंडारण और विपणन लिंकेज, सार्वजनिक और निजी भागीदारी प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि राज्य सरकार उन निजी कंपनियों का समर्थन करने के लिए तैयार है जो महाराष्ट्र में मक्का की मूल्य श्रृंखला, विशेष रूप से इथेनॉल में निवेश करने की इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, 'अगर कंपनियां मक्का मूल्य श्रृंखला में निवेश करने की इच्छुक हैं, तो हम समर्थन करने के लिए तैयार हैं क्योंकि इससे हमारे किसान सशक्त होंगे.'