नई दिल्ली : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें अनुमान लगाया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2023 की अवधि) में 5.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज करेगी, जिससे वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 7 फीसदी से रहने का अनुमान लगाया है.
एसबीआई की रिपोर्ट से पहले RBI और National Statistical Organisation (NSO) ने भी अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है. जिसमें आरबीआई ने चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.1 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. वहीं, एनएसओ ने पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगभग 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. लेकिन चौथी तिमाही के लिए उच्च विकास दर का अनुमान लगाने वाली SBI रिसर्च के साथ, वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.1 फीसदी होने की उम्मीद है.
वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया के जीडीपी की ग्रोथ रेट घटकर 2.8 फीसदी रह जाएगी, जो कि 2022 में 3.4 फीसदी देखी गई थी. इसके साथ ही आईएमएफ के पूर्वानुमान बताते हैं कि अगले साल वर्ल्ड ग्रोथ रेट 3 फीसदी पर स्थिर हो जाएगी. वैश्विक GDP के 3.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी होने के पीछे की वजह कमजोर अर्थव्यवस्था और आर्थिक मंदी की आशंका है. यूरोप और अमेरिका जैसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश आर्थिक रुप से बुरे दौर का सामना कर रहे हैं. बता दें कि जर्मनी में आर्थिक मंदी आ चुकी है. Global Recession का शिकार बनने वाला दुनिया का पहला देश है.
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अन्य देशों की GDP का ये रहेगा हाल
इसी तरह, कुछ अनुमानों के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, USA के इस साल के अंत में एक औपचारिक मंदी में प्रवेश करने की उम्मीद है. संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय देशों और जापान जैसे अमीर देशों को उम्मीद है कि उनकी आर्थिक विकास दर पिछले वर्ष के 2.7 फीसदी से घटकर इस वर्ष 1.3 फीसदी रह जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, चीन की जीडीपी 2023 में 5.2 फीसदी और 2024 में 4.5 फीसदी की दर से ग्रोथ करने की उम्मीद है, जबकि 2022 में यह 3.0 फीसदी थी.
2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था कैसी रहेगी भारतीय कंपनियां फायदे में
1700 लिस्टेड कंपनियों के नए कॉर्पोरेट रिजल्ट्स के अनुसार, उनका टर्न ओवर, पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी से बढ़ा है. इसी तरह इन कंपनियों का टैक्स देने के बाद लाभ (PAT) में भी वृद्धि देखी गई है. जो कि पिछले साल की समान अवधि से Profit After Tax (PAT) 19 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा, कंपनियों के इन समान समूहों ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में Interest Depreciation Taxes and Amortization (EBIDTA) से पहले अपनी कमाई में 23 फीसदी की अच्छी वृद्धि दर्ज की है. जो कि 2022 की तुलना से बेहतर है. इसके अलावा बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्रों की कंपनियों ने भी 10 फीसदी की वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है. इन कंपनियों ने EBIDTA में भी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य आर्थिक सलाहकार ग्रुप की सौम्य कांति घोष ने कहा, 'यह उल्लेख करना उचित है कि कॉरपोरेट मार्जिन, जो पिछली कुछ तिमाहियों से लगातार दबाव में था, ने Q4FY23 में सुधार के संकेत दिए है.' घोष का कहना है कि लगभग 1500 लिस्टेड संस्थाओं के परिणाम पूर्व बीएफएसआई क्षेत्रों, ईबीआईडीटीए मार्जिन, कुल आधार पर, वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 13.96 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 14.34 फीसदी हो गया है.
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