नई दिल्ली : भारत और ब्राजील ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चीनी से संबंधित व्यापार विवाद को पारस्परिक रूप से सुलझाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है. इस विवाद के समाधान के तहत दक्षिण अमेरिकी देश भारत के साथ एथनॉल उत्पादन प्रौद्योगिकी साझा कर सकता है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. ब्राजील दुनिया में गन्ना और एथनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है. यह एथनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी में भी अग्रणी है.
अधिकारी ने कहा-
‘विवाद को सुलझाने के हमारे प्रयासों के तहत कुछ दौर की बातचीत हुई है. हमने यहां अंतर-मंत्रालयी बैठकें भी की हैं. ब्राजील ने कहा है कि वह हमारे साथ एथनॉल (उत्पादन) प्रौद्योगिकी साझा करेगा. यह एक सकारात्मक बात है.’
एथनॉल का इस्तेमाल वाहन ईंधन में मिलाने के लिए किया जाता है. गन्ने के साथ-साथ टूटे हुए चावल और अन्य कृषि उपज से निकाले गए एथनॉल के उपयोग से दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल उपभोक्ता व आयातक देश को आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी. भारत फिलहाल अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करता है. साथ ही एथनॉल कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाता है. भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है.
जिनेवा स्थित बहुपक्षीय निकाय में विवाद को सुलझाने के लिए भारत को पारस्परिक रूप से सहमत समाधान (एमएएस) के तहत अपनी ओर से भी कुछ पेशकश करनी होगी. हाल ही में भारत और अमेरिका ने छह व्यापार विवादों को निपटाया है और सातवें मामले को भी समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की है. इस समाधान के तहत जहां भारत ने सेब और अखरोट जैसे आठ अमेरिकी उत्पादों पर ‘जवाबी’ शुल्क हटा दिया है, वहीं अमेरिका अतिरिक्त शुल्क लगाए बिना भारतीय इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों को बाजार पहुंच प्रदान कर रहा है.