नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग के अनुसार, 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के केंद्र के फैसले के प्रमुख लाभों में से एक खपत मांग में तत्काल वृद्धि हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे अनुमान के मुताबिक खपत मांग में 55,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. नोटबंदी के विपरीत खपत में वृद्धि देखी जा सकती है. हालांकि, आरबीआई ने ग्राहकों को 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए कहा था, लेकिन यह उम्मीद की जाती है कि दो हजार के नोट उच्च मूल्य के खर्च जैसे सोना/आभूषण, टिकाऊ सामान जैसे एसी, मोबाइल फोन आदि और रियल एस्टेट में स्थानांतरित हो सकते हैं.
पेट्रोल पंपों पर नकद लेनदेन तेजी से बढ़ा है और नकद भुगतान करने वाले ग्राहक 2,000 रुपये के नोट का उपयोग कर रहे हैं. अखिल भारतीय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) ने कहा है कि डिजिटल भुगतान, जो पंपों पर दैनिक बिक्री का 40 प्रतिशत हुआ करता था, घटकर 10 प्रतिशत रह गया है जबकि नकद बिक्री में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. लोगों ने कैश-ऑन-डिलीवरी विकल्प के साथ ऑनलाइन आइटम ऑर्डर करना भी शुरू कर दिया है. यह बताया गया है कि कैश-ऑन-डिलीवरी का विकल्प चुनने वाले ऑनलाइन फूड डिलीवरी एग्रीगेटर जोमाटो के लगभग 75 प्रतिशत यूजर्स 2,000 रुपये के नोटों के साथ भुगतान कर रहे हैं.