नई दिल्ली : गौतम अडाणी ने अर्श से फर्श तक का समय कुछ ही दिनों में देख लिया. अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जिस दिन आई उसी दिन उनके शेयरों में हलचल सी मच गई. अडाणी समूह की सात लिस्टेड कंपनी के शेयरो में 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन 10 लाख करोड़ कम हुआ है. 24 जनवरी 2023 को अडाणी ग्रुप का मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ रुपये था. रिपोर्ट आने के बाद से अब तक बहुत कुछ हुआ है, आइए यहां एक टाइमलाइन में पूरे घटनाक्रम को समझने की कोशिश करते हैं.
जनवरी 24-31
24 जनवरी को अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट ने Adani Group पर शेयर बाजार में हेर- फेर करने, धोखाधड़ी करने या फिर मनी लॉड्रिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि अडाणी समूह लगातार उन आरोपो का खंडन कर रहा है और हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की बात कह रहा है. लेकिन इन सब के बावजूद अडाणी एंटरप्राइजेज इनवेस्टर्स का भरोसा नहीं जीत पाया है. अडाणी समूह की सात लिस्टेड कंपनी के शेयर्स लगातार गिर रहे हैं.
जिस दिन हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होती है उसी दिन हाई- वैल्यूएशन के कारण अडाणी ग्रुप में 85% की गिरावट आती है. अगले दिन, अडाणी समूह से संबंधित संस्थाओं का बाजार पूंजीकरण लगभग ₹1 लाख करोड़ कम हो गया. अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च को यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी कि रिपोर्ट निराधार थी. आरोपो को 'निराधार अटकलें' करार दिया. हालांकि, हिंडनबर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम है. इसके बाद भी अडाणी के शेयर में गिरावट जारी रही. जिससे बाजार पूंजीकरण में शेयर में दो दिन की गिरावट ₹4 लाख करोड़ हो गई.
अडाणी एंटरप्राइजेज ने मार्केट से पैसा उठाने के लिए 20,000 करोड़ का एफपीओ लाने की घोषणा की थी. एफपीओ लाया गया. पहले दिन अडानी एंटरप्राइजेज एफपीओ में 1% सब्सक्रिप्शन देखा गया. इसके बाद अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग ने अडाणी के समर्थन में एफपीओ में $400 मिलियन का योगदान दिया. इस तरह Adani Enterprises FPO 31 जनवरी तक पूरी तरह से सब्सक्राइबड हो गया.
1-3 फरवरी
1 फरवरी को, क्रेडिट सुइस के निजी बैंक ने अडाणी बॉन्ड पर मार्जिन लोन रोक दिया. स्विस, जो एक कर्ज देने वाली निजी बैंकिंग शाखा, ने अडाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई द्वारा बेचे गए नोटों के लिए zero lending value निर्धारित किया. उसी दिन, अडाणी समूह के शेयरों में $86 बिलियन का नुकसान हुआ. जिससे Securities and Exchange Board of India (SEBI) को जांच शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उस रात बाद में, Adani Group ने अडाणी एंटरप्राइजेज एफपीओ को रद्द कर दिया.