नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि समूह के खिलाफ उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला थी. अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग इकाई ने सोमवार को कहा कि धोखाधड़ी को 'राष्ट्रवाद' या 'कुछ बढ़ा-चढ़ाकर प्रतिक्रिया' से ढंका नहीं जा सकता. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है. अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में रविवार को 413 पृष्ठ का 'स्पष्टीकरण' जारी किया है.
अडाणी समूह की प्रतिक्रिया पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है. अडाणी समूह 'व्यवस्थित लूट' से भारत के भविष्य को रोक रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट पर कायम है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडाणी समूह दशकों से शेयरों में गड़बड़ी और लेखे-जोखे की हेराफेरी में शामिल रहा है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने अपनी प्रतिक्रिया की शुरुआत इस दावे के साथ की कि हम 'मैडॉफ ऑफ मैनहटन' हैं. बर्नाड लॉरेंस मैडॉफ को पोंजी घोटाले में 2008 में गिरफ्तार कर 150 साल की सजा सुनाई गई थी. अडाणी ने यह भी दावा किया कि हमने लागू प्रतिभूति और विदेशी विनिमय नियमों का उल्लंघन किया है. अडाणी समूह ने रविवार शाम को इन आरोपों के जवाब में कहा था कि यह हिंडनबर्ग द्वारा भारत पर सोच-समझकर किया गया हमला है. समूह ने कहा था कि ये आरोप और कुछ नहीं सिर्फ 'झूठ' हैं.