मोदी सरकार की तरफ से नए साल पर देश की जनता को मिलेगी बढ़ती महंगाई से राहत, जानें कैसे - narendra modi
बढ़ी महंगाई से परेशान देश की आम जनता को नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से एक और राहत मिलने वाली है. सरकार चावल की महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चावल को भारत ब्रांड के तहत बेचने की योजना बना रही है. (FCI rice under Bharat brand, general elections, National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India, Nafed, National Cooperative Consumers’ Federation of India Ltd)
नई दिल्ली : चावल की महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) के चावल को भारत ब्रांड के तहत बेचने की योजना बना रही है. इसकी कीमत अभी तय नहीं हो पायी है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत ब्रांड के तहत 25 रुपये की कीमत पर चावल बेचा जायेगा. खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है.
उल्लेखनीय है कि खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत ई-नीलामी के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम के चावल की बिक्री के माध्यम से घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देकर खुदरा चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के मंत्रालय के प्रयासों को फीकी प्रतिक्रिया मिली है.
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारत चावल की खुदरा बिक्री का प्रस्ताव है लेकिन कीमत अभी तय नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि ओएमएसएस के तहत, एफसीआई 29 रुपये प्रति किलोग्राम के आरक्षित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण चावल की पेशकश कर रहा है. भारत चावल को समान दर पर बेचा जाए या कम दर पर, इसका निर्णय मंत्री समूह को लेना है. बता दें, सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत गेहूं का आटा (आटा) और दालें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार के दुकानों के माध्यम से बेच रही है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एफसीआई इस साल अब तक ओएमएसएस के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है. गेहूं के मामले में, नोडल एजेंसी ने ओएमएसएस के तहत 82.89 लाख टन गेहूं बेचा है. चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर 13 प्रतिशत पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है.