कनार्टक : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि आपूर्ति से जुड़ी मौसमी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है और जरूरी सामान की कीमतों में नरमी लाने के प्रयासों के साथ उसपर लगातार नजर रखी जा रही है. सीतारमण ने ईंधन और प्राकृतिक गैस के दाम में कमी लाने के प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश में इनका आयात किया जाता है और कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम ऊंचे हैं.
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2021 में स्वयं ईंधन पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती का निर्देश हमें दिया था. इसके कारण दीपावली के दौरान इस बारे में घोषणा की गयी. उसके बाद जून, 2022 में फिर हमने उत्पाद शुल्क में कटौती की. इन सब कारणों से ईंधन के दाम में कुछ हद तक नरमी आई.’
महंगाई और उसे नीचे लाने के उपायों के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम प्राकृतिक गैस या ईंधन के बारे में बात करते हैं तो हमें एक चीज समझने की जरूरत है. इन उत्पादों का आयात किया जाता है और खासकर कोविड महामारी और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध से कीमतें तेज हुई हैं और इसके बावजूद आयात जारी है. केंद्र के स्तर पर हमने इसके दाम में कमी लाने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती की है.
जरुरत अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी :उन्होंने कहा कि मंत्रियों का समूह जरूरी सामान और उनकी कीमतों पर नजर रखता है. परिस्थिति के अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी किया गया. जब चावल के दाम में तेजी आई, हमने बफर स्टॉक से चावल जारी किया. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार कीमतों को नीचे लाने के लिये लगातार कदम उठा रही है. यही कारण है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत पर आई है. मौसमी स्तर पर आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है, जिसपर लगातार नजर रखी जा रही है और उसे नीचे लाने के उपाय किये जा रहे हैं.