नई दिल्ली: भारत में अमीरों (रईस) की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक चार वर्षों में यानी 2027 तक 'संपन्न' भारतीयों की संख्या 10 करोड़ हो सकती है. यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर इस कैटेगरी में कौन लोग आते हैं. तो जान लीजिए कि इसमें वह कामकाजी लोग आते हैं जिनकी सालाना इनकम करीब 10 हजार डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) है. ये आंकड़ा इसलिए भी अहम है क्योंकि दुनिया में केवल 14 देश हैं जिनकी आबादी 10 करोड़ से अधिक है. अभी भारत में केवल छह करोड़ लोग ही इस कैटेगरी में आते हैं.
'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' :गोल्डमैन सैक्स ने 'द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया' शीर्षक से शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है. गोल्डमैन के विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में भारत में 6 करोड़ लोग यानी आबादी का 4.1 प्रतिशत लोग ही सालाना 10,000 डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) से अधिक कमाते हैं. (यह आंकड़ा 2,100 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय का लगभग पांच गुना, यानी लगभग 1,75,000 रुपये है) जबकि 2015 में यह आंकड़ा 2.4 करोड़ था. उसने अनुमान जताया है कि 2027 तक भारत में 10 करोड़ लोग ऐसे होंगे जिनकी सालाना आमदनी 8.3 लाख रुपये से ज्यादा होगी. 2027 तक इस आयवर्ग (8.3 लाख रुपये) के आंकड़े में 67 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. यानी अभी से तुलना की जाए तो 8.3 लाख रुपये कमाने वालों का आंकड़ा छह करोड़ और बढ़ जाएगा.
ये बताई वजह :गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत का 'समृद्ध' वर्ग का आंकड़ा 2027 तक 10 करोड़ तक पहुंचने वाला है. उसने इसके पीछे उसने लोगों की खर्च करने की क्षमता और भारत की कंपनियों को क्रेडिट दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में प्रीमियम सामान बनाने वाली कंपनियां व्यापक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेंगी. टैक्स फाइलिंग डेटा, क्रेडिट कार्ड, बैंक डिपॉजिट्स और ब्रॉडबैंड कनेक्शन के डेटा के आधार पर ये अनुमान लगाया जा रहा है.
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक समृद्धि में तेज़ वृद्धि के पीछे पिछले तीन वर्षों के दौरान इक्विटी, सोना और संपत्ति सहित वित्तीय और भौतिक संपत्तियों में भी उल्लेखनीय वृद्धि है.