नई दिल्ली / मुंबई:वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में मजबूती रहने के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने का भाव 450 रुपये बढ़कर 61300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. HDFC सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था. हालांकि, चांदी की कीमत 380 रुपये की गिरावट के साथ 77400 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई.
HDFC सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की हाजिर कीमत 450 रुपये की तेजी के साथ 61,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी.’’ विदेशी बाजारों में सोना चमक बिखेरते हुए 2,024 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि चांदी गिरावट के साथ 25.45 डॉलर प्रति औंस रह गई. Reliance Securities में वरिष्ठ शोध विश्लेषक Sriram Iyer ने कहा, ‘‘मंगलवार को एशियाई कारोबारी घंटों में कॉमेक्स में सोना मजबूती के साथ कारोबार कर रहा था क्योंकि निवेशक इस सप्ताह महत्वपूर्ण अमेरिकी मुद्रास्फीति आंकड़ों के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो Federal Reserve Bank के ब्याज दर संबंधी अगले फैसले को प्रभावित कर सकता है.’’
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
स्थानीय शेयर बाजार मंगलवार को शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाये और दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स BSE Sensex और NSE Nifty लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुए. वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बीच हाल की तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली को तरजीह दी. कारोबारियों ने कहा कि निवेशकों को अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़ों का इंतजार है. इसके मार्च के स्तर पर रहने का अनुमान है, इससे US central bank Federal Reserve Bank की कड़ी मौद्रिक नीति जारी रह सकती है.
तीस शेयरों पर आधारित BSE Sensex कारोबार के दौरान ज्यादातर समय लाभ में रहा. लेकिन अंत में लाभ को बरकरार नहीं रख पाया. कारोबार समाप्त होने से पहले उतार-चढ़ाव के बीच यह 2.92 अंक की मामूली गिरावट के साथ 61,761.33 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 62,027.51 अंक तक गया और नीचे में 61,654.94 अंक तक आया.
National Stock Exchange का Nifty 1.55 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की हल्की बढ़त के साथ 18,265.95 अंक पर बंद हुआ. Geojit Financial Services के शोध प्रमुख Vinod Nair ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक धारणा के साथ घरेलू बाजार में तेजी बरकरार नहीं रह पाई. अमेरिका में जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर निवेशकों की नजर है. इससे वैश्विक बाजार का रुख तय होगा.’’