नई दिल्ली/मुंबई: मजबूत हाजिर मांग के बीच सटोरियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से वायदा कारोबार में बुधवार को सोने की कीमत 63 रुपये की तेजी के साथ 60691 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में जून में आपूर्ति वाले अनुबंध का भाव 63 रुपये यानी 0.1 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,691 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. इसमें 15370 लॉट का कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से सोना वायदा कीमतों में तेजी आई. वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2022.70 डॉलर प्रति औंस रह गया.
घरेलू शेयर बाजारों में पिछले आठ कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर बुधवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 161 अंक से अधिक के नुकसान में रहा. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिर्जव का ब्याज दर पर निर्णय आने से पहले और वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच बाजार में गिरावट रही. हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अच्छी लिवाली की लेकिन सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और लार्सन एंड टुब्रो में गिरावट से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा.
तीस शेयरों पर आधारित BSE Sensex 161.41 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,193.30 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 330.27 अंक तक लुढ़क गया था. National Stock Exchange का Nifty भी 57.80 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,089.85 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में Bharti Airtel, Tech Mahindra, Axis Bank, Bajaj Finance, Larsen & Toubro, Tata Consultancy Services, State Bank of India, Reliance Industries, Wipro, Infosys, HCL Technologies, IndusInd Bank and Tata Steel प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं.
Federal Reserve Bank Meeting
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में Hindustan Unilever, Asian Paints, Tata Motors, UltraTech Cement, ITC and Nestle India शामिल हैं. व्यापक बाजार में BSE मिडकैप सूचकांक 0.35 प्रतिशत की बढ़त पर रहा जबकि स्मालकैप सूचकांक में 0.20 प्रतिशत की तेजी रही. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में क्षेत्रीय बैंकों में संकट, Federal reserve के नीतिगत दर को लेकर लेकर अनिश्चितता जैसे कारणों से वॉल स्ट्रीट में नरमी रही. इसके बावजूद, भारत के सेवा और विनिर्माण क्षेत्रों में अप्रैल महीने में मजबूत वृद्धि और विदेशी संस्थागत निवेशकों के मजबूत पूंजी प्रवाह से घरेलू बाजार के नुकसान को कम करने में मदद मिली.’’
देश में सेवा क्षेत्र की वृद्धि अप्रैल में करीब 13 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई. एक मासिक सर्वे के मुताबिक, अप्रैल में मजबूत मांग परिस्थितियों से नए कारोबार और उत्पादन में काफी तेज वृद्धि देखने को मिली. Kotak Securities Ltd के इक्विटी (खुदरा) शोध प्रमुख Srikant Chauhan ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर के बारे में निर्णय से पहले बैंक, धातु और आईटी शेयरों में कुछ मुनाफावसूली से आठ सत्रों से जारी तेजी के बाद बाजार में गिरावट आई. अमेरिका में मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया.’’
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर लाभ में रहे. अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहा था. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने 1,338 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.
(भाषा)
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